भारत सरकार ने पहले ही श्रीलंका के सभी 25 जिले में 60 से अधिक अनुदान परियोजनाएं को पूरा कर लिया है। अभी 20 अन्य परियोजनाएं अलग-अलग चरणों में है, जिनके जल्द पूर्ण होने की उम्मीद है।
भारत अपनी विदेश नीति ‘पड़ोसी पहले’ के तहत श्रीलंका की मदद कर रहा है। भारत सरकार ने श्रीलंका के पक्ष में अब एक और फैसला किया है। श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने इसकी जानकारी दी।
भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि भारत द्वारा श्रीलंका में जारी नौ सामुदायिक परिजयोनाओं के लिए भारत सरकार ने नया फैसला किया है। भारत ने फैसला लिया है कि सामुदायिक परियोजनाओं के लिए वित्तीय अनुदान में 50 प्रतिशत की वृद्धि करेगा। भारत-श्रीलंका उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना के तहत भारत अब वृद्धि के साथ श्रीलंका को तीन बिलियन श्रीलंकाई रुपये का अनुदान देगा। बता दें, उच्च प्रभाव वाली श्रीलंका की नौ परिजयोजनाओं का वित्तीय आवंटन भारत द्वारा किया जाता है। इन परियोजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
भारत सरकार ने पहले ही श्रीलंका के सभी 25 जिले में 60 से अधिक अनुदान परियोजनाएं को पूरा कर लिया है। अभी 20 अन्य परियोजनाएं अलग-अलग चरणों में है, जिनके जल्द पूर्ण होने की उम्मीद है। एचआईसीडीपी ढांचे को लेकर भारत-श्रीलंका ने सबसे पहले 2005 में हस्ताक्षर किये थे, जिसे अबतक पांच-पांच साल की अवधि के लिए तीन बार नवीनीकृत किया गया है। भारत द्वारा श्रीलंका में पूरी की गई ऐतिहासिक परियोजनाओं में आवास, आजीविका सहायता, 1990 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा, रेलवे ट्रैक पुनर्वास, एकीकृत जल संयंत्र, भारतीय आवास परियोजना और जाफना सांस्कृतिक केंद्र शामिल है।