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नीतीश की न के बाद खरगे हो सकते हैं विपक्ष के संयोजक, दलित और सर्वग्राही होने से मिल सकती है जिम्मेदारी

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मल्लिकार्जुन खरगे को सबसे पुराने राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दलित समाज से जुड़े होने की वजह से गठबंधन संयोजक के तौर पर उन्हें तरजीह मिल सकती है।

मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली संयुक्त विपक्षी गठबंधन भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक समावेशी गठबंधन (इंडिया) की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन का संयोजक बनाया जा सकता है।  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इन्कार के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। एक लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी देने पर मंथन जारी है।

बताया जा रहा है कि सबसे पुराने राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दलित समाज से जुड़े होने की वजह से गठबंधन संयोजक के तौर पर उन्हें तरजीह मिल सकती है। यही नहीं, पिछले दो संसद सत्रों के दौरान खरगे ने न केवल संयुक्त विपक्ष को एक सूत्र में पिरोया, बल्कि संसद में सरकार को घेरने में भी अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, उनके रिश्ते आम आदमी पार्टी के संजय सिंह से लेकर राजद के मनोज झा तक से मधुर बताए जाते हैं। दरअसल, इस पद पर नीतीश के नाम की चर्चा की गई थी, परंतु नीतीश के रुख को देखते हुए उन्हें इस दौड़ से बाहर समझा जा रहा है। नीतीश ने हाल में कहा था कि वह मुंबई की बैठक में भाग लेने जाएंगे और उनका मकसद विपक्षी पार्टियों को एकजुट करना है, उन्हें व्यक्तिगत तौर पर  किसी पद की लालसा नहीं है।

 

समन्वय समिति और झंडे पर होगा फैसला 
इस बैठक में गठबंधन में शामिल सभी पार्टियां लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर रणनीति पर मंथन करेंगी। इसमें 11 सदस्य समन्वय समिति के लिए नाम तय होंगे और इसके अलावा पार्टी के झंडे और लोगो पर भी मुहर लग सकती है, क्योंकि विपक्षी दलों ने तय किया है कि वे लोकसभा चुनाव संयुक्त विपक्ष के झंडे के तले लड़ेंगे, जबकि राज्यों में वह अपने-अपने स्तर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।

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