मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हीट आइलैंड इफेक्ट शहरी क्षेत्रों में दिन के तापमान को आठ डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा सकता है। इस कारण थोड़ी ही दूरी पर तापमान में भारी अंतर देखने को मिल सकता है।
शोधकर्ताओं द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि शहरों में बढ़ता तापमान पक्षियों की विविधता में गिरावट की वजह बन रहा है। असहनीय गर्मी के दौरान पक्षी शहरों से भागने लगते हैं और ठंडे उपनगरों की ओर चले जाते हैं। इसकी वजह से शहरों में पक्षियों के प्रजनन और गैर-प्रजनन सीजन के दौरान उनकी विविधता घट जाती है। यह अध्ययन चीन के कार्नेल विश्वविद्यालय और झेजियांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है।शोध के अनुसार यह प्रभाव उस सीजन में ज्यादा देखने को मिलता है जब पक्षी प्रजनन नहीं कर रहे होते हैं। चीन के 336 शहरों में पक्षियों पर किए गए इस अध्ययन में यह पता चला है कि शहरों में बढ़ती इमारतें और कंक्रीट, गर्मी को बरकरार रखती हैं जो सीधे तौर पर पक्षियों के प्रजनन, प्रवासन और उनकी विविधता में गिरावट की वजह बन रहा है। यह अध्ययन दर्शाता है कि कैसे अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट सीधे तौर पर पक्षियों के प्रवासन और उनकी विविधता से जुड़ा है। शहरों में जिन जगहों पर कंक्रीट, पक्की इमारतें और संरचनाएं होती हैं वहां का तापमान दूसरे हरे भरे क्षेत्रों की तुलना में कहीं अधिक होता है।
शहरों के विस्थापन से नष्ट हो रहे पक्षियों के आवास
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हीट आइलैंड इफेक्ट शहरी क्षेत्रों में दिन के तापमान को आठ डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा सकता है। इस कारण थोड़ी ही दूरी पर तापमान में भारी अंतर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा शहरों का विस्थापन वनस्पति क्षेत्रों को घटा रहा है और पक्षियों के आवास को नष्ट कर रहा है। वातावरण प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, और जल प्रदूषण के चलते भी पक्षियों को अपने प्राकृतिक आवास से दूर होना पड़ रहा है।