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रूसी युद्धपोतों ने चीनी नौसेना के साथ किया अभ्यास, प्रशांत महासागर में 13,000 किमी गश्त कर वापस लौटे

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अगस्त की शुरुआत में 11 रूसी और चीनी जहाज अलेउतियन द्वीप समूह के करीब पहुंचे, जो अमेरिकी तटों तक पहुंचने वाला इस तरह का सबसे बड़ा बेड़ा था। वहीं, अमेरिका के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि यह जहाज कभी भी अमेरिकी जलक्षेत्र में नहीं घुसे।

रूसी युद्धपोतों ने चीनी नौसेना के साथ प्रशांत महासागर में कई हजारों किलोमीटर गश्त की। इस दौरान, दोनों देशों ने अमेरिका वेस्ट कोस्ट के पास संयुक्त अभ्यास भी किया। तीन सप्ताह से अधिक समय तक गश्त करने के बाद रूसी नौसेना के युद्धपोत वापस लौट आए हैं।

इन जगहों पर की गश्त

रूस युद्धपोतों ने चीनी नौसेना के जहाजों की एक टुकड़ी के साथ जापान सागर, ओखोटस्क सागर, बेरिंग सागर और प्रशांत महासागर तक 7,000 मील यानी 13,000 किमी से अधिक की यात्रा की।

जापानी द्वीप के पास से भी गुजरे

इस दौरान, टुकड़ी उत्तरी जापानी द्वीप होक्काइडो के पास भी होती हुई गुजरी। बता दें, होक्काइडो एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे रूस में कुरिल और जापान में उत्तरी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यह क्षेत्र पड़ोसियों के बीच दशकों से तनाव का केंद्र रहा है। इसके अलावा, रूसी-चीनी युद्धपोतों ने अलेउतियन द्वीप समूह का भी चक्कर लगाया।

इतना बड़ा बेड़ा पहली बार

एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त की शुरुआत में 11 रूसी और चीनी जहाज अलेउतियन द्वीप समूह के करीब पहुंचे, जो अमेरिकी तटों तक पहुंचने वाला इस तरह का सबसे बड़ा बेड़ा था। वहीं, अमेरिका के अधिकारियों के हवाले से बताया कि यह जहाज कभी भी अमेरिकी जलक्षेत्र में नहीं घुसे।

मॉक युद्धाभ्यास हुआ

बता दें, गश्त के दौरान, संयुक्त पनडुब्बी रोधी और विमान रोधी अभ्यास किया गया। दोनों ओर से हेलीकॉप्टरों और नौसैनिक के अन्य विमानों का उपयोग करके नकली दुश्मन की पनडुब्बियों की खोज की गई। बाद में, नकली दुश्मन जहाजों की एक टुकड़ी पर मॉक मिसाइल फायरिंग की गई।

चीन ने भेजे थे इतने सैनिक

सितंबर में, चीन ने रूस के साथ व्यापक संयुक्त अभ्यास में भाग लेने के लिए 300 सैन्य वाहनों, 21 लड़ाकू विमानों और तीन युद्धपोतों के साथ 2,000 से अधिक सैनिकों को भेजा था।

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