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‘वास्तव में एक संस्था है, इसे संपत्ति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, यह इतिहास का हिस्सा है’

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इंडिया क्लब के संस्थापक सदस्य चंद्रन थरूर की बेटी स्मिता थरूर का कहना है कि मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं बेहद दुखी, उदास और खिन्न हूं। मेरे पिता क्लब के संस्थापक सदस्य थे। कुछ दिन पहले, जब मैंने पहली बार इंडिया क्लब के बंद होने के बारे में सुना, तो मुझे बस उनका ही ख्याल आया।

भारत की स्वतंत्रता के बाद इंग्लैंड में भारतीय प्रवासियों का केंद्र रहा इंडिया क्लब अब 70 साल बाद बंद होने जा रहा है। यूके के पहले भारतीय उच्चायुक्त कृष्ण मेनन सहित अन्य राष्ट्रवादियों के केंद्र के रूप में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी शुरुआती जड़ें रखने वाला लंदन का इंडिया क्लब, अपने बंद होने के खिलाफ एक लंबी लड़ाई हारने के बाद 17 सितंबर को बंद हो जाएगा। कृष्ण मेनन क्लब के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे।पूर्व पत्रकार डॉ. क्रिस्टोफर क्रैग पिछले 40 वर्षों से इंडिया क्लब का आते-जाते रहे हैं, उनका कहना है कि यह आने के लिए एक अच्छी जगह है और यहां का खाना वैसा ही है जिसे हम अंग्रेज भारतीय खाना कहते हैं। लंदन के अंदर यह सबसे सर्वोत्तम जगहों में से एक है। मुझे अविश्वसनीय रूप से दुख हो रहा है कि यह बंद होने जा रहा है। यह वास्तव में एक संस्था है। किसी संस्थान को सिर्फ एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, यह उससे कहीं अधिक है। यह इतिहास का हिस्सा है।इंडिया क्लब के संस्थापक सदस्य चंद्रन थरूर की बेटी स्मिता थरूर का कहना है कि मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं बेहद दुखी, उदास और खिन्न हूं। मेरे पिता क्लब के संस्थापक सदस्य थे। कुछ दिन पहले, जब मैंने पहली बार इंडिया क्लब के बंद होने के बारे में सुना, तो मुझे बस उनका ही ख्याल आया। वह अब मेरे आसपास नहीं हैं, ताकि मैं उन्हें यह दुखद और विनाशकारी समाचार बता सकूं। मेरे पिता ने लंदन में रहते हुए और अंग्रेज लोगों को देखते हुए इंडिया क्लब की स्थापना की थी और अब अचानक मुझे बताया जा रहा है, अगले कुछ दिनों में यहां कोई इंडिया क्लब नहीं होग

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