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2019 में असफल हुए तो इसरो प्रमुख को गले लगाकर हौसला दिया, इस बार सफल हुए तो चीफ को दी बधाई

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पीएम मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ को गले लगाया और चंद्रयान-3 की सफलता पर उन्हें बधाई दी। यह पहली दफा नहीं है कि जब पीएम मोदी ने किसी इसरो प्रमुख को गले लगाया हो। इससे पहले 2019 में भी पीएम मोदी ने तत्कालीन इसरो प्रमुख के सिवन को गले लगाया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगलूरू में चांद मिशन चंद्रयान-3 से जुड़े वैज्ञानिकों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ को गले लगाया और चंद्रयान-3 की सफलता पर उन्हें बधाई दी। यह पहली दफा नहीं है कि जब पीएम मोदी ने किसी इसरो प्रमुख को गले लगाया हो। इससे पहले 2019 में भी पीएम मोदी ने तत्कालीन इसरो प्रमुख के सिवन को गले लगाया था, जब 2019 में चंद्रयान-2 का लैंडिंग से कुछ देर पहले ही इसरो से संपर्क टूट गया था और के सिवन भावुक हो गए थे। चार साल में भारत ने चंद्रयान-2 से चंद्रयान-3 तक का सफर तय किया।

चंद्रयान-2 के असफल होने के बाद तत्कालीन चीफ को पीएम ने लगाया गले
सात सितंबर 2019, भारत के साथ-साथ पूरे विश्व की नजर इसरो के चंद्रयान-2 के लैंडिंग पर थी। लैंडिंग देखने और वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए पीएम मोदी भी इसरो सेंटर पहुंचे थे। सब कुछ ठीक था। लेकिन अचानक चांद की सतह से मात्र दो किलोमीटर ऊपर इसरो से चंद्रयान-2 का संपर्क टूट गया। जैसे ही चंद्रयान-2 का संपर्क टूटा, वैसे ही वैज्ञानिकों के आंसू छलक गए। आंसू देख पीएम मोदी ने तत्कालीन इसरो चीफ को गले लगा लिया। इसके बाद सिवन खुद को संभाल नहीं सके और रोने लगे। तब पीएम मोदी ने सिवन का हौसला बांधा और उनकी पीठ थपथपाकर उन्हें भविष्य के लिए बधाई दी।

चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देश को दी बधाई
23 अगस्त 2023, चार साल बाद एक बार फिर दुनिया की नजरें इसरो के चांद मिशन चंद्रयान-3 पर थी। हालांकि, इस बार पीएम मोदी लैंडिंग के दौरान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थे। शाम 6.04 बजे विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया। इसके बाद पीएम मोदी ने वर्चुअली देश को संबोधित किया और चांद मिशन की सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा था कि अब कहावतें भी बदल जाएंगी। पहले बच्चे कहा करते थे- चंदा मामा दूर के लेकिन अब वह दिन भी आएगा, जब बच्चे कहेंगे- चंदा मामा बस एक टूर के।

दो देशों की यात्रा के बाद वैज्ञानिकों से की मुलाकात
दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की यात्रा के बाद पीएम मोदी शनिवार सुबह बंगलूरू पहुंचे। हवाईअड्डे के बाहर नागरिकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया। संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने एक नया नारा दिया- ‘जय विज्ञान-जय अनुसंधान’। पीएम मोदी ने बंगलूरू में रोड शो भी किया और लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद पीएम मोदी इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स पहुंचे, जहां उन्होंने इसरो वैज्ञानिकों से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी

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