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खरगे की नई टीम में मुख्यमंत्रियों को जगह नहीं, पूर्व सीएम की भरमार; दिल्ली पर खास फोकस

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टीम में जगह पाने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री, दिग्विजय सिंह, चरणजीत सिंह चन्नी और हरीश रावत शामिल हैं। वहीं, सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा के बावजूद केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी को पार्टी की सबसे ताकतवर संस्था में शामिल किया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की नई टीम में किसी मुख्यमंत्री को जगह नहीं दी गई है। इसमें सचिन पायलट को जगह मिली है लेकिन पूर्व में सीडब्ल्यूसी सदस्य रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इससे बाहर रखा गया है। कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और हिमाचल के मुख्यमंत्रियों को भी इसका हिस्सा नहीं बनाया गया है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की भरमार है।

टीम में जगह पाने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री, दिग्विजय सिंह, चरणजीत सिंह चन्नी और हरीश रावत शामिल हैं। वहीं, सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा के बावजूद केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी को पार्टी की सबसे ताकतवर संस्था में शामिल किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद आदि भी इसका हिस्सा हैं। नए सदस्यों के तौर पर दीपा दासमुंशी, शाहिद नासिर हुसैन को जगह मिली है।

संतुलन साधने की कोशिश
नई टीम में एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला और युवा वर्ग के 50 फीसदी नेताओं को जगह दी गई है। यही नहीं, यह टीम में नए और पुराने चेहरों का मिश्रण है। पार्टी से अब तक जुड़े करीब-करीब सभी वरिष्ठ नेताओं को नई टीम में जगह दी गई है।

गौरव गोगोई, कन्हैया कुमार नए चेहरों में शामिल
स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में गौरव गोगोई, केसी वेणुगोपाल, अलका लांबा, सुप्रिया श्रीनेत, कन्हैया कुमार, मनिकम टैगोर के रूप में नए चेहरे को मौका दिया गया है। भूपेंद्र हुड्डा की जगह उनके बेटे को तरजीह दी गई है। उन्हें स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।

दिल्ली पर खास ध्यान
सीडब्ल्यूसी में अजय माकन को प्रमोशन देकर मुख्य समिति में जगह दी गई है। दिल्ली पार्टी की वरीयता में शामिल है और पवन खेड़ा, देवेंद्र यादव, मनीष चित्ररथ आदि नेताओं को इसमें शामिल कर पार्टी ने अपनी मंशा जाहिर भी कर दी है। वहीं, दीपा दासमुंशी को भी जगह देकर उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों को विराम देने की कोशिश की गई है।

पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारी समिति
मुख्य कार्यसमिति में पहले 25 सदस्य होते थे जो संख्य इस बार बढ़कर 39 हो गई है। यह पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारी समिति है जो चुनाव में टिकट वितरण से लेकर प्रबंधन तक पूरा काम देखती है। किसी भी बड़े मामले में पार्टी का रुख क्या होगा, इसका फैसला सीडब्ल्यूसी ही करती है। चुनावों में हारजीत के बाद समीक्षा और उससे जुड़े फैसले लेने का अधिकार भी इसी के पास है।

थरूर ने फैसले पर आभार जताया
कांग्रेस नेता शशि थरूर फिलहाल जर्मनी की यात्रा पर हैं और उन्होंने वहीं से भेजे गए एक वीडियो संदेश में कहा कि वह पार्टी प्रमुख खरगे और केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति 138 सालों के अपने इतिहास में पार्टी को दिशा देने में अहम भूमिका निभाती रही हैं। उन्होंने अपनी नई जिम्मेदारी को पूरी गंभीरता से निभाने की भी बात कही। साथ ही जोड़ा, अधिक समावेशी भारत चाहने वाले अनगिनत भारतीय हमारी पार्टी से सर्वश्रेष्ठ के हकदार हैं।

पार्टी की विचारधार को मजबूती देंगे : पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी सीडब्ल्यूसी में जगह मिलने पर पार्टी नेतृत्व का आभार जताया। साथ ही कांग्रेस की विचारधारा को मजबूती देने की प्रतिबद्धता भी जताई। पायलट ने कहा, हम सब मिलकर पार्टी की परंपराओं, नीतियों और विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के अपने प्रयासों को और मजबूती देंगे।

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