संयुक्त बयान में तीनों देशों ने दक्षिण चीन सागर में बढ़ रहे गैरकानूनी चीनी कार्रवाई पर साझा चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने भारत को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि हम भारत पर चीन के एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करेंगे।
अमेरिका में आयोजित त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडन, दक्षिण कोरिया और जापान के नेता शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आर्थिक और रक्षा संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और उत्तर कोरिया के बढ़ते आक्रमक व्यवहार पर चिंता जाहिर की। तीनों देशों ने संयुक्त बयान में चीन और उत्तर कोरिया की आलोचना की। इसके अलावा तीनों देशों ने रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध
अमेरिका में जापान और दक्षिण कोरिया के बीच त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान उन्होंने ‘द स्पिरिट ऑफ कैंप डेविड’ शीर्षक से एक संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सभी लोगों, क्षेत्र और दुनिया की सुरक्षा और समृद्धि मायने रखती है। संयुक्त बयान में उन्होंने कहा कि हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत, लचीला और समृद्ध करने के लिए प्रयास करेंगे। स्वतंत्र और खुली अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्थाओं का समर्थन करेंगे। हमारे लिए क्षेत्रीय और वैश्विक शांति सर्वोपरी है। हम लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा को मजबूत करके अपने त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
संयुक्त बयान में तीनों देशों ने दक्षिण चीन सागर में बढ़ रहे गैरकानूनी चीनी कार्रवाई पर साझा चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने भारत को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि हम भारत पर चीन के एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करेंगे।हम अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
हमारे संबंधों का नया दौर शुरू
संयुक्त बयान में तीनों देशों ने कहा कि आर्थिक भागीदारी और समावेशी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करना चाहते हैं, जिसमें महिलाओं के साथ-साथ हाशिये पर रहने वाले सभी लोग सफल हो सकें। हम अपने देश के युवाओं और छात्रों के साथ संबंधों को मजबूत करेंगे। त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन हमारे नए संबंधों को दर्शाता है। हमारे त्रिपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। हम तीनों ही देश हमारे समय की सभी बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। हम निडर हैं। हमें विश्वास है कि जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका हम बड़ी चुनौती का सामना करने में सक्षम है