बॉलीवुड और क्रिकेट के बीच संबंध लंबे समय से चला आ रहा है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने इसे अगले मुकाम तक पहुंचाया है। फ्रेंचाइजी मालिकों के रूप में बॉलीवुड सितारों के आने से न केवल टी-20 क्रिकेट के आगामी महाकुंभ में नयापन आया, बल्कि क्रिकेट और फिल्म उद्योग के बीच गहरा जुड़ाव भी हुआ। इसी बीच, प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट प्रशासक अमृत माथुर ने सुपरस्टार अक्षय कुमार से जुड़े 2009 के एक प्रकरण का खुलासा किया है, जिसने सबको हैरान कर दिया है। उन्होंने बताया है कि कैसे इस सुपरस्टार ने करोड़ों का नुकसान झेलकर आईपीएल की एक टीम को बचाया था।
अमृत माथुर ने अपनी आत्मकथा ‘पिचसाइड: माई लाइफ इन इंडियन क्रिकेट’ में लिखा, “अक्षय ने दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ प्रमोशनल फिल्में शूट करने, मीट एंड ग्रीट इवेंट्स में शामिल होने और कॉर्पोरेट इवेंट्स में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तीन साल का करार किया था। इसमें से कुछ भी ठीक से नहीं हुआ। डेयरडेविल्स को पता ही नहीं था कि उनका लाभ कैसे उठाया जाए। फिर सीजन के अंत में गंभीर वित्तीय घाटे के कारण फ्रैंचाइजी ने उनके साथ अनुबंध रद्द करने या फिर से बातचीत करने का फैसला किया था।’
अक्षय के अनुबंध में थीं कड़ी शर्तें
अनुबंध से बाहर निकलने का रास्ता उम्मीद से कहीं अधिक मुश्किल था। उनका करियर 2007 में वेलकम, भूल भुलैया, नमस्ते लंदन, हे बेबी और 2008 में सिंह इज किंग जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के साथ उच्च स्तर पर था। उनकी स्टार पावर के बढ़ने से यह स्पष्ट था कि अनुबंध को संशोधित करना काफी मुश्किल था। माथुर ने अपनी किताब में लिखा, “अक्षय के अनुबंध में बाहर निकलने का कोई रास्त नहीं था। इसके विपरीत इसने उन्हें तीन साल की अवधि के लिए ठोस गारंटी दी थी। डेयरडेविल्स के वकीलों ने अनुबंध पर दोबारा विचार करने के लिए अक्षय के कर्मचारियों से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था।”
माथुर ने आगे लिखा, ”डेयरडेविल्स के नजरिए से देखा जाए तो अक्षय के करोड़ों रुपये के अनुबंध को सेल्फ-गोल या हिट-विकेट आउट के बराबर माना जा सकता है। विनाशकारी वित्तीय परिणामों और मितव्ययता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अक्षय एक टालने योग्य खर्च बन गए थे। फ्रैंचाइजी को पता था कि इसमें वह कानूनी रूप से नहीं आगे बढ़ सकते हैं तो उन्होंने अक्षय से दया की अपील की थी।”
माथुर ने अक्षय के साथ संपर्क शुरू करने का बीड़ा उठाया और इस बातचीत के नतीजे ने उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने लिखा, ”उनके शॉट के बाद हम उनकी वैनिटी वैन में गए। मैंने बहुत झिझकते हुए अपने आने का कारण बताया। मैंने उन्हें फ्रैंचाइजी वित्तीय परेशानियों के बारे में बताया। इस पर उन्होंने कहा, ‘कोई बात नहीं जी। अगर यह काम नहीं कर रहा है, तो इसे बंद कर दें।’ मुझे लगा कि मैंने उन्हें ठीक से नहीं सुना। मुझे भ्रमित देखकर उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘इसको खत्म कर देते हैं।’ जब मैंने अनुबंध की कड़ी शर्तों के बारे में बुदबुदाया तो उन्होंने मुझे आश्वस्त करते हुए कहा, ‘कोई बात नहीं, मैं वकील को बोल दूंगा।’