अभिनेत्री नुसरत भरूचा ने हिंदी सिनेमा में महिला प्रधान फिल्मों से जो अपनी अलग पहचान बनाई है, उसके चलते उनकी आने वाली फिल्म ‘अकेली’ को लेकर अभी से फिल्म बाजार में काफी उत्साह है। ये फिल्म आयुष्मान खुराना और अनन्या पांडे अभिनीत ‘ड्रीम गर्ल 2’ के साथ 25 अगस्त को रिलीज होने जा रही है। दिलचस्प बात यहां ये है कि फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ में आयुष्मान की हीरोइन नुसरत भरूचा ही थीं। पांच साल पहले रिलीज हुई ये फिल्म आयुष्मान खुराना के करियर की पहली ऐसी फिल्म बनी जिसकी ओपनिंग पहले दिन 10 करोड़ रुपये से ज्यादा रही लेकिन फिल्म की सफलता का पूरा क्रेडिट आयुष्मान खुराना के खाते में ही चला गया। अब बॉक्स ऑफिस पर आयुष्मान खुराना और नुसरत भरूचा की सीधी भिड़ंत होने वाली हैं। नुसरत को इस बात का गिला भी है कि उन्हें एक हिट फिल्म की सीक्वल से जानबूझकर इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि इसमें अभिनेता चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे को लिया जाना था। नुसरत भरूचा से ‘अमर उजाला’ की एक खास बातचीत..
बताया जा रहा है कि जब आपको फिल्म ‘अकेली’ का ऑफर आया तो आप इस फिल्म को लेकर पशोपेश में थी, इसकी क्या वजह रही?
यह बहुत ही अलग और जिम्मेदारी वाली फिल्म थी, पहले थोड़ा डर लग रहा था। यह यह ऐसी फिल्म है, जिसमे आप कुछ गलत नहीं दिखा सकते। आप सही थोड़ा कम करेंगे तो चलेगा, लेकिन गलत तो बिल्कुल भी नहीं दिखा सकते। इस चीज को समझने के लिए मुझे लगा कि थोड़ा वक्त लेना चाहिए। हम एकदम से शूटिंग करने नहीं जा सकते हैं। फिल्म के निर्देशक प्रणय मेश्राम भी नए हैं। मैं सोच रही थी कि उनपर थोड़ा भरोसा बैठे कि कैसे और क्या कर रहे हैं, उसके बाद कोई विचार करते हैं। इसलिए हामी भरने में थोड़ा सा वक्त लगा
‘ड्रीम गर्ल 2’ में आपको काफी मिस किया जा रहा है। यह फिल्म न कर पाने की क्या वजह रही, किसी और फिल्म में व्यस्त थीं या फिर कोई और वजह रही?
राज शांडिल्य के लिए तो मैं कभी भी अपने आपको फ्री कर दूं। मैं उनको अपना बड़ा भाई और दोस्त मानती हूं। वह एकलौते ऐसे इंसान है, जब से उनके साथ ‘ड्रीम गर्ल’ किया तब से जुड़कर रहे हैं। उनके लिए तो मैं फिल्म कर देती, लेकिन उनको फिल्म के लिए कोई और एक्टर चाहिए थी। आपको पता ही है वो कौन हैं? मुझे लगता है कि ये फिल्म बनाने वाले निर्माता (एकता कपूर) की यह सोच रही होगी कि इस फिल्म में किसी और को लाएं। वरना मैं तो कर ही लेती, मेरी फिल्म है, मैं क्यों नहीं करती?
दिवाकर बनर्जी की फिल्म ‘लव सेक्स और धोका’ से आपकी पहचान बनी । इस फिल्म से किस तरह से जुड़ना हुआ और दिवाकर बनर्जी के साथ काम करने के अनुभव कैसे रहे?
उस वक्त तो ऑडिशन ही देते रहते थे। ‘लव सेक्स और धोखा’ के लिए ऐसी एक्ट्रेस की जरूरत थी, जो ज्यादा काम न की हो। मैंने इस फिल्म के लिए पहले ऑडिशन दिया, तो रिजेक्ट हो गई थी। जिसको उन्होंने फिल्म के लिए कास्ट किया था, वह किसी वजह से फिल्म कर नहीं पाई। फिर से मुझे बुलाकर मेरा ऑडिशन लिया गया और तब जाकर मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका मिला ।
और, फिर ‘प्यार का पंचनामा’ से तो करियर को एक नई उड़ान मिल गई…
फिल्म के निर्देशक लव रंजन ने मेरी फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा’ देखी थी। लव सर ने पहले मेरा ऑडिशन किसी और फिल्म के लिए किया था, लेकिन शायद वह फिल्म शुरू नहीं हो पाई। जब वह ‘प्यार का पंचनामा’ बनाने लगे तो तो उन्होंने मुझे बुलाया। उस फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर विकी सदाना थे। आज मेरी फिल्म ‘अकेली’ के निर्माताओं में विकी सदाना भी शामिल हैं। लव रंजन सर के साथ काफी लंबा सफर रहा है। ‘प्यार के पंचनामा’ के बाद तो फिर ‘आकाश वाणी’, ‘प्यार का पंचनामा 2’, ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ जैसी फिल्मों के जरिये कई फिल्मों तक तक लव रंजन के साथ लंबा सफर चला। अब भी उनकी फिल्मों में कुछ न कुछ झलक तो मेरी होती ही है।
हंसल मेहता की सिनेमा को लेकर एक अलग ही सोच रहती है, उनके साथ आपने फिल्म ‘छलांग’ में काम किया, कैसे अनुभव रहे उनके साथ काम करने के?
हंसल मेहता के साथ काम करने का अनुभव ऐसा रहा है कि उनके साथ काम करने का मेरा सपना पूरा हो गया हो। उनकी सारी फिल्में देखती हूं। वह मेरे पसंदीदा निर्देशक हैं। मैं काफी समय से सोच रही थी कि उनके साथ कब काम करने का मौका मिलेगा और मुझे ‘छलांग’ मिल गई। आज भी सोचती हूं कि दोबारा उनके साथ फिर कब काम करने का मौका मिलेगा।
‘लव सेक्स और धोखा’ के बाद राजकुमार राव के साथ आपने ‘छलांग’ में दोबारा काम किया। उनके अभिनय को आप किस तरह देखती हैं?
‘लव सेक्स और धोखा’ की शूटिंग के दौरान ही राजकुमार राव मुझे बहुत अद्भुत एक्टर लगे थे। मुझे उनका काम बहुत ज्यादा पसंद था । बहुत नॉर्मल और सुलझे हुए एक्टर हैं। राजकुमार राव की कोई फिल्म आप देख लो, उसमे वह एक अलग ही किरदार में नजर आते हैं। ‘लव सेक्स और धोखा’ की शूटिंग के दौरान मैं, राजकुमार राव, अमित सियाल और अंशुमान झा बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे ।
और, कार्तिक आर्यन?
‘प्यार का पंचनामा’ से हमारी अच्छी शुरुआत हुई है, देखा जाए तो हमने एक साथ ही अपने करियर की शुरुआत की है। बहुत अच्छा लगता है। जब हम नए थे, तब यह बैठकर सोचते थे कि आगे हमारा भविष्य क्या होगा? अब देखिए अब दोनों फिल्में ही फिल्में कर रहे हैं। इंडस्ट्री से बहुत अच्छा प्यार और सपोर्ट मिल रहा है। बहुत खुशी की बात है कि हमने साथ काम शुरू किया और आज आगे बढ़ रहे हैं।
‘जनहित में जारी’ को लेकर आप कुछ कहना चाहेंगी?
ये फिल्म मैंने राज शांडिल्य के लिए की। उनकी लेखनी बहुत कमाल की है। अगर देखा जाए तो फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ में भी एक संदेश था। ‘जनहित में जारी’ में एक संदेश को हल्के फुल्के अंदाज में देने की कोशिश की गई। इस फिल्म में एक गंभीर मुद्दे को बहुत ही सहज तरीके से पेश किया गया। शूटिंग के दौरान भी बहुत अच्छा माहौल था, हंसी चुटकुले के साथ हमने फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली थी। उनके साथ काम करके ऐसा नहीं लगता है कि हम फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। इस फिल्म के माध्यम से हमने कोई प्रवचन देने की कोशिश नहीं की थी, बल्कि दर्शकों पर छोड़ दिया कि आप सोचकर दिखाओ कि आपको क्या लगता है ?
और, अक्षय कुमार के साथ भी तो आप ‘राम सेतु’ कर चुकी हैं..
इस फिल्म की शूटिंग से पहले मैं कभी अक्षय सर से नहीं मिली थी। मैं बहुत ही उत्साहित थी कि उनके साथ काम करने का मौका मिल रहा है। पूरी शूटिंग के दौरान उन्होंने बहुत ही अच्छे तरीके से सबका ख्याल रखा। अक्षय सर के साथ भी काम करने का ऐसा अनुभव रहा है कि जैसे सेट पर आप मजे करने आए हो, ऐसा नहीं लगता है कि उनके साथ शूटिंग कर रहे हो। मुझे लगता है कि उनका काम करने का तरीका ही यही है कि सेट के माहौल को पूरी तरह से सहज बनाकर रखते हैं। वह चाहते थे कि सेट पर सब खुश रहे, मजे से काम करें। वह सबके साथ लंच करते हैं, अक्षय सर अपने घर से भी खाना लाते थे। शूटिंग का और उनके लंच बॉक्स का खाना हम लोग शेयर करके खाते थे। सेट पर उनके जोक्स हमेशा चलते रहते हैं।