शोध में पाया गया कि चाय में मौजूद यौगिक, शरीर में कुछ प्रकार के पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करने वाले हो सकते हैं, इसमें आयरन प्रमुख है। आइए जानते हैं कि रोजाना अधिक मात्रा में चाय पीने के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है।

चाय के जिन दुष्प्रभावों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा होती है, उनमें आयरन पर होने वाले प्रभाव प्रमुख हैं। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि चाय, टैनिन नामक यौगिकों का एक समृद्ध स्रोत है। टैनिन कुछ खाद्य पदार्थों में आयरन के साथ बाइंड हो जाता है, जिससे यह आपके कर सकता है।शरीर में आयरन की कमी होने के कारण एनीमिया का खतरा होता है, जिसके कारण थकान-कमजोरी सहित कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में जिन लोगों में पहले से ही आयरन की कमी है उन्हें चाय का सेवन कम करना चाहिए।

चूंकि चाय में प्राकृतिक रूप से कैफीन होती है, इसलिए इसका अधिक सेवन आपके नींद के चक्र को बाधित कर सकता है। कि कैफीन मेलाटोनिन उत्पादन को रोक सकता है, जिसके परिणामस्वरूप नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो आपके मस्तिष्क को संकेत देता है कि सोने का समय हो गया है। अपर्याप्त नींद कई तरह की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी होती है।

चाय में मौजूद कैफीन के कारण आपको हार्ट-बर्न की भी समस्या होने लगती है। कि कैफीन के कारण पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ जाता है, जिसके कारण एसिड रिफलक्स और हार्ट बर्न की दिक्कत हो सकती है। शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि जिन लोगों को अक्सर हार्ट बर्न या फिर पेट की समस्याएं रहती हैं, अगर वह कैफीन का अधिक सेवन करते हैं तो इसके कारण लक्षण बिगड़ने का खतरा हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान कैफीन का उच्च स्तर आपकी जटिलताओं को बढ़ाने वाली हो सकती है, इसमें गर्भपात से लेकर जन्म के समय शिशु के वजन में कमी तक की भी समस्या का खतरा रहता है।को लेकर स्पष्ट पर डेटा नहीं है और यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि कितना सुरक्षित है? हालांकि अधिकांश शोध बताते हैं कि यदि आप अपने दैनिक कैफीन का सेवन 200-300 मिलीग्राम से कम रखती हैं तो जटिलताओं का जोखिम अपेक्षाकृत कम रहता है।
