कोलकाता में टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी के दीक्षांत में उन्होंने कहा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने लोकतंत्र को चार स्वतंत्रताओं के रूप में परिभाषित किया था। ये हैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आस्था की स्वतंत्रता, भय से स्वतंत्रता और अभाव से स्वतंत्रता।
इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र ऐसे बहुलतावाद के माहौल में अच्छा काम करता है, जहां प्रत्येक नागरिक को विश्वास और आस्था का पालन करने की स्वतंत्रता होती है। भारत में लोकतंत्र तभी समृद्ध होगा जब एक ऐसी मानसिकता विकसित की जाए जो मतभेदों के बजाय समानताओं को उजागर करे।
कोलकाता में टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी के दीक्षांत में उन्होंने कहा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने लोकतंत्र को चार स्वतंत्रताओं के रूप में परिभाषित किया था। ये हैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आस्था की स्वतंत्रता, भय से स्वतंत्रता और अभाव से स्वतंत्रता। लोकतंत्र में हर किसी को जिम्मेदारी, विनम्रतापूर्वक और निडर होकर राय व्यक्त करने का अधिकार है। यहां जीवन की बेहतर गुणवत्ता की तलाश करने की भी स्वतंत्रता है।
उन्होंने कहा, लोकतंत्र का अर्थ एक न्यायपूर्ण समाज का निर्माण है, जो सभी के लिए नागरिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों के मौलिक सिद्धांत को अपनाता है और नई आर्थिक असमानताओं को तभी सहन करता है जब ऐसी असमानताएं गरीब नागरिकों की स्थितियों में सुधार करती हैं।