वैश्विक स्तर पर कैंसर का खतरा काफी तेजी से बढ़ता हुआ रिपोर्ट किया जा रहा है। कैंसर, जानलेवा स्वास्थ्य समस्या है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी उम्र वाले लोगों को इस रोग का खतरा हो सकता है, इसलिए बचाव के उपाय करते रहना बहुत आवश्यक है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जीवनशैली और आहार की कुछ आदतें आपमें कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती हैं, जिनको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहना चाहिए।
कैंसर के बढ़ते खतरे के बारे में समझने के लिए किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि दिनचर्या की कुछ आदतें महिलाओं में इस कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती हैं, जिसके बारे में गंभीरता से ध्यान देना और इससे बचाव के उपाय करते रहना जरूरी है। कि रोजाना शुगर युक्त-मीठे पेय का सेवन करने वाली महिलाओं में लिवर कैंसर और गंभीर लिवर रोग से मृत्यु का खतरा अधिक होता है।
मीठे-पेय पदार्थ बढ़ा रहे हैं कैंसर का जोखिम
अमेरिका स्थित ब्रिघम एंड वुमेन्स हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए अवलोकन अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने इस संबंध में चर्चा की है। अध्ययन में 98,786 पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं को शामिल किया गया। 20 वर्षों से अधिक समय तक किए गए अध्ययन में पाया गया कि प्रतिदिन एक या अधिक मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने वाली 6.8 प्रतिशत महिलाओं में लिवर कैंसर का खतरा 85 प्रतिशत और क्रोनिक लिवर रोग से मृत्यु दर का खतरा 68 प्रतिशत अधिक था।स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि मीठे पेय वैसे तो सभी लोगों के लिए हानिकारक प्रभावों वाले हो सकते हैं, पर महिलाओं में इसका जोखिम अधिक देखा गया है।
लिवर कैंसर और लिवर की बीमारियां
शोधकर्ताओं ने खुद से ही रिपोर्ट की गई लिवर कैंसर की घटनाओं और क्रोनिक लिवर रोग जैसे फाइब्रोसिस, सिरोसिस, या क्रोनिक हेपेटाइटिस के कारण होने वाली मृत्यु का आकलन किया। शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि जब इन महिलाओं के डेटा का अध्ययन किया गया तो इसमें पता चला कि जिन महिलाओं ने मीठे पेय का अधिक सेवन किया उनमें इस प्रकार का जोखिम अधिक था।
शोध में क्या पता चला?
जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन के लेखक लोंगगैंग झाओ कहते हैं, हमारी जानकारी के अनुसार, यह मीठे पेय पदार्थों के सेवन और क्रोनिक लिवर रोग से मृत्यु दर के बीच संबंधों की रिपोर्ट करने वाला पहला अध्ययन है। झाओ कहते हैं, हमारे निष्कर्षों की पुष्टि हो जाती है, तो बड़े और भौगोलिक रूप से लिवर रोगों के जोखिमों को कम करने में यह काफी मददगार हो सकती है।
लिवर कैंसर का बढ़ता खतरा
गौरतलब है कि लिवर कैंसर, वैश्विक स्तर पर बढ़ता गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है। आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में हर साल आठ लाख से अधिक लोगों में इस कैंसर का निदान किया जाता है। यह कैंसर से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है, जिससे हर साल सात लाख से अधिक मौतें होती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में बदलाव करके इस रोग के खतरे को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है।