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दो साल में दोगुना हुए एक करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वाले व्यक्तिगत करदाता, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

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सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या पिछले दो साल में दोगुनी होकर मार्च, 2022 तक 1.69 लाख हो गई है। आकलन वर्ष 2022-23 के आयकर रिटर्न के आंकड़ों (वित्त वर्ष 2021-22 की अर्जित आय से संबंधित) के अनुसार, कुल 1,69,890 लोगों ने अपनी सालाना कमाई एक करोड़ रुपये से अधिक दिखाई है।

आकलन वर्ष 2021-22 में ऐसे लोगों की संख्या 1,14,446 थी। आकलन वर्ष 2020-21 में 81,653 व्यक्तिगत करदाताओं ने आय एक करोड़ रुपये से अधिक दिखाई थी। आकलन वर्ष 2022-23 में 2.69 लाख इकाइयों ने अपनी आय एक करोड़ रुपये से अधिक दिखायी। इन इकाइयों में व्यक्तिगत करदाता, कंपनी, फर्म और न्यास शामिल हैं।

अप्रैल-जून के बीच दाखिल रिटर्न की संख्या 1.36 करोड़ के पार
देश में अप्रैल-जून 2023 के बीच दाखिल आयकर रिटर्न की संख्या सालाना आधार पर करीब दोगुना होकर 1.36 करोड़ के पार पहुंच गई। आईटीआर भरने के ऑनलाइन मंच पर उपलब्ध तुलनात्मक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2022-23 में 70.34 लाख से अधिक रिटर्न दाखिल किए गए थे। अप्रैल-जून 2023-24 में यह संख्या 93.76 फीसदी बढ़कर 1.36 करोड़ से अधिक हो गई। आयकर विभाग के मुताबिक, जुलाई में 5.41 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किए गए।

महाराष्ट्र पहले व यूपी दूसरे स्थान पर
आकलन वर्ष 2022-23 के दौरान भरे गए आयकर रिटर्न की संख्या 7.78 करोड़ थी। आकलन वर्ष 2021-22 में 7.14 करोड़ और आकलन वर्ष 2020-21 में 7.39 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे। आकलन वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा। यहां 1.98 करोड़ रिटर्न भरे गए। उत्तर प्रदेश 75.72 लाख के साथ दूसरे स्थान पर रहा। गुजरात में 75.62 लाख और राजस्थान में 50.88 लाख रिटर्न भरे गए। पश्चिम बंगाल में 47.93 लाख, तमिलनाडु में 47.91 लाख, कर्नाटक में 42.82 लाख और दिल्ली में 39.99 लाख आयकर रिटर्न दाखिल हुए।

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