Search
Close this search box.

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों की मदद के लिए आगे आई 16 साल की भारतवंशी किशोरी, मदद को जुटाई इतनी राशि

Share:

तनिष्का धारीवाल का कहना है कि जब उन्हें ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने माता-पिता के सहयोग से एक GoFundMe पेज शुरू किया। इसके जरिए विश्वविद्यालयों, शहरों, परिवार और दोस्तों से संपर्क किया।

मात्र 16 साल की उम्र में एक भारतीय अमेरिकी किशोरी तनिष्का धारीवाल दुनिया के लिए उदाहरण बन गई हैं। उन्होंने इस साल भारत के ओडिशा में भीषण ट्रेन दुर्घटना से प्रभावित लोगों की मदद के लिए पीएम केयर्स फंड में 10 हजार डॉलर से अधिक राशि जुटाई। तनिष्का ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जयसवाल को राशि सौंपी।तनिष्का धारीवाल का कहना है कि जब उन्हें ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने माता-पिता के सहयोग से एक GoFundMe पेज शुरू किया। इसके जरिए विश्वविद्यालयों, शहरों व जिलों, परिवार और दोस्तों से संपर्क किया और 10,000 डॉलर जुटा लिए। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस राशि से उन लोगों की मदद हो सकेगी, जो लोग इस हादसे से प्रभावित हुए हैं। किशोरी ने कहा कि मेरा मानना है कि हम और भी रुपये जुटा लेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत है।

यह लोग रहे मौजूद

बता दें, मौके पर राणा के संरक्षक सदस्य हरिदास कोटेवाला, जयपुर फुट यूएसए के सलाहकार अशोक संचेती, राणा के संयुक्त सचिव रवि जारगढ़ और राणा के वरिष्ठ सदस्य चंद्र सुखवाल मौजूद थे। इस दौरान तनिष्का के माता-पिता नितिन और सपना धारीवाल भी मौजूद थे।

भारतीय युवाओं का अपनी मातृभूमि से लगाव

राणा के अध्यक्ष और जयपुर फुट यूएसए के संस्थापक अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने कहा कि तनिष्का के इस कदम से युवाओं में एकता की उम्मीद जगेगी। उन्होंने कहा कि राशि कितनी जुटाई गई इससे कोई लेना देना। फर्क इससे पड़ता है कि मदद की भावना तो आई। उन्होंने कहा कि यह मजबूत संबंधों को उजागर करता है जो अमेरिका में जन्मे भारतीय युवाओं और उनकी मातृभूमि के बीच अभी भी जीवित हैं। उन्होंने कहा कि 10 हजार डॉलर का चेक भारतीय वाणिज्य दूतावास को सौंपा जाएगा, जिसे पीएम केयर्स फंड में भेज दिया जाएगा।

भारत की भी हुई वाहवाही

भंडारी ने भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक मानवीय सहायता में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। कहा कि पिछले दशक में, भारत की पहुंच 100 से अधिक देशों तक बढ़ गई है, जिसका परिणाम 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता है। भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के माध्यम से 150 से अधिक देशों को महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता और टीके प्रदान किए। साथ ही गंभीर जरूरत वाले कई अन्य देशों को भी आपूर्ति प्रदान की थी।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news