सरकार ने दूरसंचार सेवा के दायरे में इंटरनेट कॉल और मैसेज, ओटीटी, इन-फ्लाइट सहित चार सेवाओं को विधेयक में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। सार्वजनिक परामर्श के लिए मसौदा विधेयक जारी किया गया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय दूरसंचार विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी है, लेकिन सरकार इसे मौजूदा संसद सत्र में पेश नहीं करेगी। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस बिल से इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग सेवाओं के एक महत्वपूर्ण हिस्से को दूरसंचार नियमों के दायरे से छूट दी है।
सरकार ने सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी मसौदा विधेयक में दूरसंचार सेवाओं के दायरे में इंटरनेट आधारित संचार सेवाओं, उड़ान और समुद्री कनेक्टिविटी सेवाओं, पारस्परिक संचार सेवाओं, मशीन-टू-मशीन संचार सेवाओं और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) संचार सेवाओं को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। सरकार ने परामर्श प्रक्रिया के दौरान कहा था कि भारतीय दूरसंचार विधेयक का केंद्रबिंदु उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा होगी।