शरीर को बेहतर तरीके से काम करते रहने के लिए रोजाना कई प्रकार के विटामिन्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है। हमारे भोजन से ये सभी आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं, इसीलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को नियमित रूप से स्वस्थ और पौष्टिक चीजों के सेवन की सलाह देते हैं। आहार संबंधी गड़बड़ी के कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिसके कई प्रकार के दुष्प्रभाव होने का जोखिम रहता है।मैग्नीशियम ऐसा ही एक अति आवश्यक तत्व है, जिससे भरपूर चीजों को भोजन में जरूर शामिल किया जाना चाहिए। शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को बेहतर रखने में इसकी आवश्यकता होती है।अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि मैग्नीशियम की कमी के कारण कई बीमारियों का जटिलताओं के बढ़ने का भी खतरा रहता है। मैग्नीशियम आपके मस्तिष्क और शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। हृदय, रक्त शर्करा के स्तर और मनोदशा सहित इसके कई लाभ हैं। यह पत्तेदार साग से लेकर नट्स, सीड्स और बीन्स जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। आइए जानते हैं कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी को आहार में मैग्नीशियम वाली चीजों की मात्रा बढ़ाने की सलाह क्यों देते हैं और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
शरीर में मैग्नीशियम की कमी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, वयस्कों के शरीर में लगभग 25 ग्राम मैग्नीशियम होता है, जिसमें से 50-60% कंकाल प्रणाली स्टोर करती है। बाकी मांसपेशियों, ऊतकों और शारीरिक में तरल पदार्थों में मौजूद होता है। मैग्नीशियम की कमी कई स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती है। यह स्थिति तंत्रिकाओं से संबंधित विकारों के अलावा, हड्डियों की कमजोरी, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, पाचन की दिक्कत और ब्लड शुगर में बढ़ोतरी का भी कारण बन सकती है।
हड्डियों के लिए जरूरी है मैग्नीशियम
शोध में पाया गया है कि हड्डियों के लिए विटामिन-डी और कैल्शियम के साथ-साथ मैग्नीशियम वाली चीजों का सेवन करना भी जरूरी होता है। स्वस्थ हड्डियों के निर्माण के लिए भी मैग्नीशियम आवश्यक है। कि मैग्नीशियम वाली चीजों का सेवन रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हड्डियों के घनत्व को ठीक रखने और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में लाभकारी हो सकता है। यह पोषक तत्व कैल्शियम और विटामिन-डी के स्तर को विनियमित करने में मदद करता है।
डायबिटीज को करता है कंट्रोल
अनुसंधान में मैग्नीशियम वाले आहारों को टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम कम करने वाला पाया गया है। ग्लूकोज नियंत्रण और इंसुलिन मेटाबॉलिज्म में मैग्नीशियम महत्वपूर्ण भूमिका होती है। साल 2015 में प्रकाशित समीक्षा रिपोर्ट में मैग्नीशियम की कमी से इंसुलिन प्रतिरोध से जोड़कर देखा गया है।एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि मैग्नीशियम वाली चीजों के सेवन या सप्लीमेंट्स से इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार हो सकता है।