अध्ययन में पांच वर्ष की आयु से लेकर 75 वर्ष तक के महिला-पुरुषों को शामिल किया गया। पिछले तीन दशकों से पीठ के निचले हिस्से का दर्द विकलांगता के कारणों में पहले स्थान पर है। इसमें बताया गया है कि यदि मोटापा, धूम्रपान और कार्यस्थल एर्गोनोमिक कारकों को नियंत्रित किया जाए।
दुनिया में करीब 60 करोड़ लोग कमर दर्द से पीड़ित हैं। इसकी वजह कार्यस्थल की एर्गोनॉमिक्स पर ध्यान न देने की प्रवृत्ति, धूम्रपान और मोटापा है। एर्गोनॉमिक्स काम पर मनुष्यों का अध्ययन है, ताकि लोगों को उनकी नौकरी की आवश्यकताओं, काम करने के तरीकों, उपयोग किए गए उपकरणों और पर्यावरण के साथ जटिल अंतर्संबंधों को समझा जा सके। कार्यस्थल पर अकुशल व्यवस्था भी इसके लिए जिम्मेदार है।द लैंसेट रुमेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि दुनियाभर में पुरुषों की तुलना में लगभग दोगुनी महिलाएं पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत करती हैं। इस अध्ययन में देश, वर्ष, आयु, लिंग और गंभीरता के आधार पर कमर दर्द के वैश्विक समस्या का अनुमान लगाने के लिए 30 वर्षों में दुनियाभर में लगभग 500 अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है।
शारीरिक नििष्क्रयता और खराब नींद भी वजह
अध्ययन में पांच वर्ष की आयु से लेकर 75 वर्ष तक के महिला-पुरुषों को शामिल किया गया। पिछले तीन दशकों से पीठ के निचले हिस्से का दर्द विकलांगता के कारणों में पहले स्थान पर है। इसमें बताया गया है कि यदि मोटापा, धूम्रपान और कार्यस्थल एर्गोनोमिक कारकों को नियंत्रित किया जाए तो पीठ के निचले हिस्से में दर्द के बोझ को 39 फीसदी तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने शारीरिक निष्क्रियता और खराब नींद को भी कमर दर्द के लिए जिम्मेदार ठहराया है।