Search
Close this search box.

लोकसभा में हंगामे को लेकर ओम बिरला का छलका दर्द, बोले- व्यवधान से सदन की गरिमा कम हो रही है

Share:

संसद में चल रहे मानसून सत्र में कोई भी दिन ऐसा नहीं गया है, जिस दिन हंगामा न हुआ हो। वहीं, इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का दर्द छलका है। उन्होंने रविवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवधान से सदन की गरिमा कम हो रही है।

संसद में चल रहे मानसून सत्र में कोई भी दिन ऐसा नहीं गया है, जिस दिन हंगामा न हुआ हो। वहीं, इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का दर्द छलका है। उन्होंने रविवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवधान से सदन की गरिमा कम हो रही है। साथ ही बोले कि हर गंभीर मुद्दे पर राज्य विधानसभाओं और संसद में चर्चा होनी चाहिए और इसमें कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए क्योंकि लोगों को इन लोकतंत्र के मंदिरों से बहुत उम्मीदें हैं।

नए असम विधान सभा भवन का उद्घाटन करने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों के सांसदों, विधायकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुद्दों पर सहमति और असहमति भारत के लोकतंत्र की विशेषता है। ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर में हर गंभीर मुद्दे पर बहस, चर्चा, संवाद और बातचीत होनी चाहिए। लेकिन राज्य विधानसभाओं और लोकसभा में कोई व्यवधान या गतिरोध नहीं होना चाहिए। यह मेरा अनुरोध है।

उन्होंने सभा में कहा कि लोगों को राज्य विधानसभाओं और लोकसभा से बहुत उम्मीदें हैं। लोग आपको बहुत उम्मीदों के साथ यहां भेजते हैं। उन्होंने कहा कि सदन में विधेयकों सहित मुद्दों पर व्यापक बहस और चर्चा बेहतर परिणाम ला सकती है। लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि बिड़ला ने लोकतंत्र को बनाए रखने और मजबूत करने में जन प्रतिनिधियों की भूमिका पर जोर दिया।

अपने बयान में ओम बिरला ने जोर देकर विधायकों से आग्रह किया कि वे विधायिकाओं को भौतिक इमारतों के रूप में न मानें, बल्कि बहस और चर्चा के पवित्र स्थानों के रूप में मानें जहां लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाता है और लोकतंत्र की भावना को मजबूत किया जाता है।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news