मणिपुरी छात्र सीजैन कहती हैं कि दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता ने देश को हिला दिया है। ये घटना मई माह में हुई थी। राज्य की पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। मणिपुर को शुरुआत से ही राज्य और केंद्र सरकार ने नजरअंदाज किया है। इसलिए अब यह दिक्कत बढ़ गई है।
मणिपुर में बीते ढाई महीने से हालात खराब हैं। लगातार बिगड़ते हालात से मणिपुर के छात्र भी मुश्किल में हैं। मणिपुर के जो छात्र दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, वह अपने राज्य में हो रही हिंसा से बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि राज्य में मई से स्थिति बहुत खराब है। न तो मणिपुर सरकार इसे ‘कंट्रोल’ कर पा रही है न ही केंद्र सरकार इसमें कोई ‘एक्शन’ ले रही है। छात्रों का कहना है कि प्रदेश के हालात इतने खराब हैं कि कॉलेजों के ब्रेक के दौरान भी हम घर नहीं जा पा रहे हैं
सीजैन कहती हैं कि दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता ने देश को हिला दिया है। ये घटना मई माह में हुई थी। इंटरनेट और मीडिया पर पाबंदी की वजह से ये घटनाएं तब सामने नहीं आ पा रही थीं। आज भी इंटरनेट पर कई तरह की मारपीट, आगजनी के खौफनाक वीडियो वायरल हो रहे हैं। वहां पहाड़ी, मैदानी इलाके के दोनों समुदाय के लोग डर रहे हैं। राज्य की पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। मणिपुर को शुरुआत से ही राज्य और केंद्र सरकार ने नजरअंदाज किया है। इसलिए अब यह दिक्कत बढ़ गई है।
दिल्ली में बसे बच्चों को अपने परिवार की फिक्र
एक अन्य छात्र जीजेन कहती हैं कि आज हमारे राज्य मणिपुर में क्या हो रहा है यह पूरा देश नहीं दुनिया देख रही है। मुझे उन दो कुकी महिलाओं के बारे में सोचकर ही डर लगता है। लोगों को सुरक्षा न देने के लिए मणिपुर के सीएम जिम्मेदार हैं। दो कम्युनिटी के बीच की इस लड़ाई में राजनीति चल रही है और लोग मर रहे हैं। दोनों समुदाय के छात्रों का कहना है कि वे लोग मणिपुर में हो रही हिंसा से दुखी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशान वो मणिपुर में बसे अपने परिवार और रिश्तेदारों को लेकर हैं। आज वे लोग वहां कैसे गुजर बसर कर रहे होंगे, यह कोई नहीं जानता। कई लोग तो ऐसे हैं कि रोज कमाते हैं और खाते हैं। ऐसे लोग कैसे अपना गुजारा कर रहे होंगे। सरकार को चाहिए कि सभी को सुरक्षा दे और मदद करे।