एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की तीसरी वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए बताया कि हर जिले में एक से दो इंजीनियरिंग कॉलेजों में इवनिंग शिफ्ट की क्लास शुरू की जाएगी, जहां पॉलिटेक्निक कॉलेजों से डिप्लोमा पासआउट इन कामकाजी युवाओं को डिग्री पूरा करने का मौका मिलेगा।
घर की मजबूरियों या कामकाज की वजह से अगर कोई युवा बीटेक डिग्री पूरी नहीं कर सका। किन्हीं कारणों से सिर्फ डिप्लोमा कर ही नौकरी शुरू करनी पड़ी और वह चाहकर भी डिग्री हासिल नहीं कर पा रहा तो ऐसे युवाओं के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने तोहफा दिया है। अब वे सांध्य कालीन कक्षाओं के जरिये बीटेक डिग्री पूरा कर सकेंगे।एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की तीसरी वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए बताया कि हर जिले में एक से दो इंजीनियरिंग कॉलेजों में इवनिंग शिफ्ट की क्लास शुरू की जाएगी जहां पॉलिटेक्निक कॉलेजों से डिप्लोमा पासआउट इन कामकाजी युवाओं को डिग्री पूरा करने का मौका मिलेगा। दूसरे वर्ष में लेटेरल एंट्री से इन युवाओं को दाखिला मिलेगा। इसके अलावा आईटीआई के छात्रों को पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा की सुविधा देने की तैयारी है। एआईसीटीई अध्यक्ष ने कहा कि अमृतकाल के इस मौके पर इंजीनियरिंग या किसी अन्य तकनीकी प्रोग्राम में कोई कोर्स बंद नहीं होंगे, मार्केट डिमांड के आधार पाठ्यक्रम में बदलाव और नये कोर्स शुरू किए जाएंगे।
बीटेक में जुड़ रहे तीन नए कोर्स
एनईपी 2020 के तहत सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम पूरी तरह से बदल चुका है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 में इसकी शुरुआत होगी। धीरे-धीरे अन्य पाठ्यक्रमों में भी बदलाव किया जा रहा है। तकनीकी कॉलेजों में एंट्री-एग्जिट, अकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में छात्रों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा बीटेक में तीन नए कोर्स जुड़ रहे हैं। इसमें वीएलएसआई (सेमी-कंडक्टर) डिजाइन, लॉजिस्टिक्स और उन्नत संचार प्रौद्योगिकी में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है।
16 हजार सीटों पर होगा दाखिला
बीटेक एडवांस टेक्नोलॉजी में 5जी और उससे ऊपर (6जी या 7जी) कोर्स होगा। इसका मकसद देश में चिप डिजाइन में पेशेवर युवाओं को तैयार करना है। सरकार ने इसी साल चिप डिजाइन में काम करने का फैसला लिया है। चार वर्षीय बीटेक प्रोग्राम इंजीनियरिंग कॉलेज में डिग्री और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में डिप्लोमा प्रोग्राम की पढ़ाई होगी। हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के 100 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 16 हजार सीटों पर दाखिला होगा।