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राष्ट्रपति एर्दोगन ने खाड़ी देशों का किया दौरा, देश की बीमार अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक मदद की मांग की

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तुर्किये की अर्थव्यवस्था 40 प्रतिशत के करीब अनियंत्रित मुद्रास्फीति का सामना कर रही है। तुर्किये मुद्रा लीरा (Lira) ने इस साल अपने मूल्य का 29 प्रतिशत से अधिक खो दिया है और विदेशी मुद्रा भंडार लगभग समाप्त हो गया है।

तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने हाल के चुनावों में एक और पांच साल का कार्यकाल हासिल करने के बाद पिछले हफ्ते सऊदी अरब, कतर और यूएई का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने तेल समृद्ध खाड़ी देशों से निवेश और वित्तीय सहायता मांगकर तुर्किये की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने का प्रयास किया।

तुर्किये की बीमार अर्थव्यवस्था के लिए खाड़ी जीवन रेखा के महत्व का इस तथ्य से पता चलता है कि हाल ही में कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने तुर्किये को 20 अरब अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय प्रदान की थी, जबकि सऊदी अरब ने पिछले मार्च में तुर्किये के सेंट्रल बैंक में पांच अरब अमेरिकी डॉलर जमा किए थे। इसके अलावा, पिछले महीने यूएई और तुर्किये ने अगले पांच वर्षों में लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए।दरअसल, तुर्किये की अर्थव्यवस्था 40 प्रतिशत के करीब अनियंत्रित मुद्रास्फीति का सामना कर रही है। तुर्किये मुद्रा लीरा (Lira) ने इस साल अपने मूल्य का 29 प्रतिशत से अधिक खो दिया है और विदेशी मुद्रा भंडार लगभग समाप्त हो गया है। इसके बाद एर्दोगन को अनिच्छा से आर्थिक वास्तविकता को स्वीकार करने और कम से कम अस्थायी रूप से अपनी विवादास्पद आर्थिक नीतियों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

राष्ट्रपति एर्दोगन ने किए ये बदलाव
उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर पूर्व निवेश बैंकर मेहमत सिमसेक (Mehmet Simsek) को वापस लाया। सिमसेक ने 2009 से 2015 तक इसी पद पर काम किया था। साथ ही उन्होंने फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के पूर्व सीईओ हाफिज गे एरकान को सेंट्रल बैंक के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को यह समझाने की कोशिश की कि वह अब अपनी अपरंपरागत आर्थिक नीतियों को लागू करने पर जोर नहीं देंगे।

एर्दोगन के तीन खाड़ी राज्यों के दौरे की तैयारी मेहमत सिमसेक ने की थी। इससे पहले सिमसेक ने पिछले महीने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर में बैठकें की थीं और इन देशों और तुर्किये के बीच आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभिक चर्चा की थी।

इस्तांबुल छोड़ने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए एर्दोगन ने कहा, हमें कई क्षेत्रों में अपने संबंधों और सहयोग में सुधार की उम्मीद है। हम संयुक्त निवेश और वाणिज्यिक पहलों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिन्हें हम इन देशों के साथ मिलकर आगे बढ़ा सकते हैं। तुर्किये के राष्ट्रपति ने लगभग 200 कारोबारियों और कई मंत्रियों के साथ बीते सोमवार को अपना तीन दिवसीय दौरा शुरू किया था। उन्होंने पहले सऊदी अरब का दौरा किया और किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बैठकें कीं।

जेद्दा में लगभग 400 कारोबारी प्रमुखों और अधिकारियों ने सऊदी-तुर्किये बिजनेस फोरम में भाग लिया और विशेष रूप से विनिर्माण, निर्माण, पर्यटन, खनन, खाद्य कृषि और रक्षा के क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने ऊर्जा, निर्माण, डिजिटल प्रौद्योगिकी, मीडिया, शिक्षा, स्वास्थ्य और रियल एस्टेट को शामिल करते हुए नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों के मूल्य का खुलासा नहीं किया गया है। सऊदी रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब तुर्किये बेकर ड्रोन खरीदने के लिए सहमत हो गया है, लेकिन सौदे में शामिल राशि का खुलासा नहीं किया।

गौरतलब है कि पिछले महीने, ऊर्जा और रसायनों की अग्रणी निर्माता सऊदी की दिग्गज कंपनी अरामको ने लगभग 80 तुर्किये ठेकेदारों के साथ एक बैठक की थी और उनके साथ सऊदी अरब में 50 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित राशि के लिए निष्पादित होने वाली कई परियोजनाओं की संभावनाओं पर चर्चा की थी। वर्तमान में तुर्किये में 1,140 सऊदी कंपनियां काम कर रही हैं और 395 तुर्किये कंपनियां सऊदी में निवेश कर रही हैं।

राष्ट्रपति एर्दोगन का अगला पड़ाव मंगलवार को कतर में था, जहां अमीर शेख तमिन बिन हमद अल थानी ने उनका स्वागत किया और लुसैल पैलेस में बातचीत की। मुलाकात के दौरान एर्दोगन ने अमीर को उपहार के रूप में तुर्किये की पहली निर्मित इलेक्ट्रिक कार टॉग (Togg) दी।

एर्दोगन के दौरे के आखिरी पड़ाव में बुधवार को यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अबू धाबी के राष्ट्रपति भवन में एर्दोगन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने 50.7 अरब अमेरिकी डॉलर के अनुमानित समझौते और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

राष्ट्रपति एर्दोगन के तीन समृद्ध खाड़ी देशों के दौरे को सफल माना जा सकता है, क्योंकि उन्होंने बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का वादा किया है और केंद्रीय बैंकों को बढ़ावा देने के लिए विदेशी मुद्रा की सख्त जरूरत है। तुर्किये को नवंबर से पहले विदेशी मुद्रा भंडार में कमी सामना करना पड़ रहा है, जबकि उसे कई बड़े ऋण का भुगतान करना है।

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