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ग्रेटा थनबर्ग को स्वीडन पुलिस ने प्रदर्शन से रोका, कुछ घंटे पहले ही अदालत ने दी थी सजा

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अदालत में ग्रेटा थनबर्ग पर उन पर लगे आरोपों पर कहा कि ‘यह सही है कि वह मौके पर मौजूद थीं और यह भी सही है कि उन्हें हटने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने उसे नहीं माना लेकिन मैं अपराध होने से इनकार करती हूं।’

मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को सोमवार को स्वीडन पुलिस ने विरोध प्रदर्शन से रोक दिया। बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग को सोमवार को ही स्वीडन की अदालत ने बीते महीने के एक मामले में जुर्माना लगाया था। थनबर्ग पर विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून का पालन नहीं करने का दोष सिद्ध हुआ था।
ग्रेटा थनबर्ग ने स्वीकारा अपराध
बता दें कि 20 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने वाले प्रमुख चेहरों में से एक हैं। ग्रेटा पर बीते महीने स्वीडन के माल्मो शहर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा डालने और पुलिस का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। अदालत में ग्रेटा थनबर्ग पर उन पर लगे आरोपों पर कहा कि ‘यह सही है कि वह मौके पर मौजूद थीं और यह भी सही है कि उन्हें हटने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने उसे नहीं माना लेकिन मैं अपराध होने से इनकार करती हूं।’
अदालत ने लगाया जुर्माना
थनबर्ग ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि अभी इस पर एक्शन लेना जरूरी है। बता दें कि बीते महीने पर्यावरण सुरक्षा के लिए काम करने वाले संगठन ‘रिक्लेम द फ्यूचर’ ने स्वीडन के बंदरगाह शहर माल्मो में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था, जिसमें ग्रेटा थनबर्ग ने भी शिरकत की थी। यह विरोध प्रदर्शन जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल पर रोक की मांग के लिए किया गया था। अदालत ने कानून का पालन नहीं करने के मामले में ग्रेटा पर 1500 क्रोनर (144 डॉलर) का जुर्माना लगाया। जुर्माना लगने के बावजूद ग्रेटा थनबर्ग ने पीछे हटने से इनकार कर दिया और कहा कि ‘वह आगे भी पर्यावरण के लिए आवाज उठाती रहेंगी। ग्रेटा ने कहा कि हम नियमों को मानते हुए दुनिया को नहीं बचा सकते। नियमों को बदलना होगा।’

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