प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि मदनदास देवी जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी जी के निधन की सूचना अत्यंत दु:खद है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी का सोमवार को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे मदनदास का बंगलूरू स्थित राष्ट्रोत्थान अस्पताल में इलाज चल रहा था।
संघ के सह सरकार्यवाह सहित कई अहम जिम्मेदारी संभाल चुके मदन दास राममंदिर आंदोलन के दौरान कई मुद्दों पर संघ और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बीच समन्वयक के रूप में पुल बने रहे। बाद में भाजपा के सत्ता में आने पर भी उन्होंने संघ परिवार से वाजपेयी सरकार की विभिन्न मुद्दों पर बनी दूरी को पाटने में अहम भूमिका निभाई। मदनदास छह दशकों तक संघ के प्रचारक रहे। इस दौरान कई जिम्मेदारियां निभाईं। कठोर अनुशासन उनके व्यक्तित्व की खास पहचान थी। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट में गोल्ड मेडलिस्ट होने के बावजूद संघ कार्य को महत्व दिया। उन्हीं की अगुवाई में छात्र संगठन एबीवीपी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। वे 1970 से 1992 तक अभाविप के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रहे। मदन दास देवी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में संघ योजना से निकले पहले प्रचारक थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
बहुत कुछ सीखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि मदनदास देवी जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी जी के निधन की सूचना अत्यंत दु:खद है। निस्वार्थ भाव से राष्ट्रसेवा व संघ कार्य में अपना जीवन समर्पित करने वाले मदनदास जी का जाना संगठन के लिए अपूरणीय क्षति हुई है। वह करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रेरणापुंज के समान थे।
मनुष्य प्रयत्नों पर नियति पड़ी भारी : भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत और वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबाले ने अपने शोक संदेश में कहा, हमारी इच्छा थी कि वे स्वस्थ रहकर हमारा नेतृत्व करते रहें। हालांकि मनुष्य प्रयत्नों पर नियति भारी हो गई और आज का दुखद प्रसंग हमारे सामने हम देख रहे हैं। संघ ने बताया, उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को 11 बजे पुणे (महाराष्ट्र) में किया जाएगा। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।