
गिलोय, उन औषधियों में से एक है जिसका प्रयोग वर्षों से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के साथ ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में गिलोय से लाभ मिल सकता है। आयुर्वेद के अलावा मेडिकल साइंस ने भी रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल में लाभकारी हो सकता है। गिलोय की पत्तियों के पाउडर को भी टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए काफी कारगर प्रभावों वाला पाया गया है।

गिलोय की तरह ही जामनु भी डायबिटीज की समस्या में काफी फायदेमंद हो सकता है। आयुर्वेद में जामुन के बीज के पाउडर और फल दोनों को शुगर रोगियों के लिए लाभकारी पाया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि , जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायता करता है। इसमें एंथोसायनिन, एलाजिक एसिड और पॉलीफेनोल्स जैसे बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और मधुमेह संबंधी जटिलताओं के जोखिम को कम करने में फायदेमंद है।

आंवला शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। विटामिन-सी से भरपूर होने के कारण ये प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए तो फायदेमंद है ही साथ ही रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल करने में भी आंवला खाने से लाभ मिलता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर है, जो अग्न्याशय के कार्यों को बेहतर बनाने और इंसुलिन स्राव को बढ़ाने में मदद करता है।अध्यनों में पाया गया है कि आंवला, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इंफ्लामेशन को कम करने में भी सहायक है जिसका जोखिम मधुमेह में देखा जाता है।

डायबिटीज में सब्जियों के चयन को लेकर परेशान रहते हैं तो इसमें करेला आपके लिए सबसे फायदेमंद विकल्प हो सकता है। लंबे समय से आयुर्वेद में इसका मधुमेह रोधी गुणों के लिए उपयोग किया जाता रहा है। जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है।
करेला ग्लूकोज के उपयोग को बेहतर बनाने और इंसुलिन स्राव को उत्तेजित करने में भी सहायता करता है। करेला की सब्जी-जूस या इसके बीज के चूर्ण का सेवन, दोनों आपके लिए बहुत फायदेमंद है।
