डेमोक्रेटिक पार्टी से कांग्रेसनल उम्मीदवार ऋषि कुमार ने कहा, कैलिफोर्निया जानबूझकर एक नई मुसीबत खड़ी कर रहा है। यहां जातिगत भेदभाव का कोई इतिहास नहीं है। ऐसे में यह विधेयक एक समाज विशेष में गैर-जरूरी विभाजन पैदा करेगा व हिंदूफोबिया को बढ़ावा देगा, जिससे हिंदुओं के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे।
अमेरिका में कैलिफोर्निया प्रांत के उच्च सदन (सीनेट) में राज्य के 10वें जिले की पहली मुस्लिम प्रतिनिधि आयशा वहाब ने जातिगत भेदभाव बिल पेश किया है। यह जातीय भेदभाव पर पाबंदी का पक्षधर है। अमेरिकी हिंदू समाज इसके विरोध में है। वह इसे भारतीय-अमेरिकियों के खिलाफ हथियार बता रहा है।बिल के विरोध में फ्रेमोंट में हुए कास्टकोन सम्मेलन में भारतीय-अमेरिकियों ने चिंता जताई कि जिस तरह से अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर में भारतीय समाज को जातियों में बांटकर फायदा उठाया था, ठीक उसी तरीके से राजनीतिक लाभ के लिए इसे कैलिफोर्निया में लाया जा रहा है। आयोजकों ने कहा, जिन लोगों को अपना इतिहास नहीं पता है उन लोगों और आने वाली पीढ़ियों के लिए यह समाज में एकजुटता के बजाय ध्रुवीकरण बढ़ाएगा। वक्ताओं ने कहा, यह प्रांत के हिंदू-अमेरिकियों में भेदभाव लाएगा।
भारतीय समुदाय की बढ़ती ताकत के विरुद्ध साजिश
सम्मेलन में शामिल हुए एक स्थानीय अधिकारी ने विधेयक को भारतीय समुदाय की बढ़ती राजनीतिक ताकत के खिलाफ साजिश बताते हुए कहा, हम जानते हैं कि यह समुदाय लंबे समय से ब्रिटिश औपनिवेशिक विरासत को चुपचाप सहन कर रहा है। कैलिफोर्निया राज्य सीनेट का जातिगत भेदभाव प्रतिबंध को लेकर विधेयक, प्रवासी भारतीयों के घावों को कुरेदने जैसा है।
हिंदुओं को उत्पीड़क कहना भी उत्पीड़न
सम्मेलन में शामिल होने ब्रिटेन से पहुंचे सतीश के. शर्मा ने कहा, कैलिफोर्निया में हिंदुओं का जिस तरह से तिरस्कार किया जा रहा है, वह व्यथित करने वाला है। यहां सिर्फ हिंदू होने की वजह से उन्हें अनुचित रूप से उत्पीड़क करार दिया गया है, यह भी अपने आप में उत्पीड़न ही है।
नफरत को बढ़ावा देने वाला बिल : ऋषि कुमार
डेमोक्रेटिक पार्टी से कांग्रेसनल उम्मीदवार ऋषि कुमार ने कहा, कैलिफोर्निया जानबूझकर एक नई मुसीबत खड़ी कर रहा है। यहां जातिगत भेदभाव का कोई इतिहास नहीं है। ऐसे में यह विधेयक एक समाज विशेष में गैर-जरूरी विभाजन पैदा करेगा व हिंदूफोबिया को बढ़ावा देगा, जिससे हिंदुओं के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे। युवा उद्यमी सुंदर अय्यर ने सिस्को में काम के दौरान आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा, जिसे उन्होंने नौकरी दिलाई, अपने हिस्से के शेयर दिए, उसी ने दलित विरोधी बताते हुए उन पर केस दर्ज कराया। जबकि, केस दर्ज होने से पहले तक वे उसकी जाति के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे।