तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है। यह उन 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में मनाया जाता है, जिनकी 21 जुलाई 1993 को तत्कालीन कांग्रेस नेता ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सचिवालय मार्च के दौरान कोलकाता में पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। उस समय राज्य में सीपीआईएम के नेतृत्व वाले वाममोर्चा का शासन था।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का शुक्रवार को होने वाला शहीद दिवस कार्यक्रम के लिए कोलकाता के धर्मतला में मंच सज कर तैयार है। सड़कें पार्टी के झंडों से पटी पड़ी हैं। यह पार्टी का सबसे बड़ा कार्यक्रम है और इसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटा कर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी विरोधियों को अपना राजनीतिक संदेश देना चाहती हैं।
अधिकारी ने बताया कि भीड़ के मद्देनजर कम से कम आठ ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर रैंक के अधिकारी और 31 डिप्टी कमिश्नर सुरक्षा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी सहायता 80 सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान 18 एंबुलेंस, चार आपदा प्रबंधन और आठ त्वरित प्रतिक्रिया टीमें भी स्टैंडबाय पर रहेंगी।
कोलकाता पुलिस के ट्रैफिक विभाग के सूत्रों ने कहा कि इसके चलते कम से कम 14 महत्वपूर्ण सड़कों पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। सभास्थल से सटे कई सड़कों पर वाहन पार्किंग पर गुरुवार से ही प्रतिबंध रहेगा। शुक्रवार को सड़कों पर यात्रियों को सार्वजनिक बसों की कमी का भी सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने कार्यक्रम स्थल तक लोगों को लाने-ले जाने के लिए पहले से ही बड़ी संख्या में बसें बुक कर ली हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह सत्तारूढ़ पार्टी का आखिरी शहीद दिवस कार्यक्रम होगा। ऐसे में इसे सफल बनाने के लिए पूरा पार्टी नेतृत्व इसमें जुटा है।
इसलिए मनाया जाता है शहीद दिवस
तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है। यह उन 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में मनाया जाता है, जिनकी 21 जुलाई 1993 को तत्कालीन कांग्रेस नेता ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सचिवालय मार्च के दौरान कोलकाता में पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। उस समय राज्य में सीपीआईएम के नेतृत्व वाले वाममोर्चा का शासन था।