अभिनेता वरुण धवन फिल्म ‘बवाल’ में इतिहास के टीचर की भूमिका निभा रहे हैं। नितेश तिवारी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में वरुण धवन के साथ जान्हवी कपूर भी लीड भूमिका में हैं। हिंदी सिनेमा में तमाम सितारों ने अध्यापकों की भूमिका में दमदार काम किया है। लेकिन, फिल्म ‘बवाल’ के ट्रेलर मे जिस तरह वरुण धवन बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाते दिखे हैं, उसने उनकी अध्यापक वाली इस भूमिका के आदर्श होने पर सवाल खड़ा कर दिया है। दर्शकों को नितेश तिवारी से इसके बावजूद एक दमदार फिल्म की आशा है। ‘बवाल’ की रिलीज से पहले आइए जानते हैं, उन हिंदी फिल्म सितारों का रिपोर्ट कार्ड जिन्होंने बड़े परदे पर अध्यापकों के किरदार निभाए हैं…
बिहार की राजधानी पटना के गणितज्ञ आनंद कुमार की बायोपिक ‘सुपर 30’ में ऋतिक रोशन ने आनंद कुमार की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक शिक्षक होनहार गरीब बच्चों को इंजीनियर बनाने के लिए हर संभव मेहनत करता है। विकास बहल के निर्देशन में इस फिल्म में ऋतिक रोशन के काम की खूब सराहना हुई थी।
अमिताभ बच्चन: आरक्षण (12 अगस्त 2011)
फिल्म ‘आरक्षण’ में अमिताभ बच्चन ने प्रिंसिपल प्रभाकर आनंद की भूमिका निभाई थी। वह गरीब बच्चों को अलग से पढ़ाते भी हैं। फिल्म में अमिताभ बच्चन का एक ऐसे आदर्शवादी टीचर की भूमिका निभाई थी, जिसका मानना है कि शिक्षा का अधिकार सभी को है। जो बच्चे ट्यूशन के लिए ज्यादा फीस नहीं दे सकते हैं, उनको वह मुफ्त में पढ़ाते हैं। इस फिल्म का निर्देशन प्रकाश झा ने किया था।
शाहिद कपूर: पाठशाला (16 अप्रैल 2010)
फिल्म ‘पाठशाला’ में शाहिद कपूर ने अंग्रेजी और संगीत शिक्षक राहुल का किरदार निभाया था। मिलिंद उके के निर्देशन में बनी यह फिल्म भारतीय शिक्षा प्रणाली और इसकी कमियों पर कटाक्ष करती है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास सफल नहीं रही, लेकिन बच्चों को इस फिल्म में शाहिद का किरदार काफी पसंद आया था।
आमिर खान: तारे जमीन पर (21 दिसंबर 2007)
हिंदी सिनेमा के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने फिल्म फिल्म ‘तारे जमीन पर’ में टीचर का किरदार निभाया था। इस फिल्म में आमिर खान ने राम शंकर निकुम्भ का किरदार निभाया था, जो पढ़ाई में मानसिक रूप कमजोर लड़के ईशान अवस्थी को पढ़ने के लिए प्रेरित करता है। आमिर खान की यह फिल्म डिस्लेक्सिक नाम बीमारी पर आधारित है, इस फिल्म को खूब पसंद किया गया था। इस फिल्म का निर्माण और निर्देशन आमिर खान ने खुद किया था।
बमन ईरानी: मुन्ना भाई एमबीबीएस‘ (1 सितंबर 2006)
अभिनेता बमन ईरानी दो फिल्मों में टीचर का किरदार निभा चुके हैं। पहली बार संजय दत्त की सुपरहिट फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ में उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डीन का किरदार निभाया था। इसके बाद वह आमिर खान की फिल्म ‘थ्री ईडियट्स’ में वायरस के रोल में नजर आए। उनका यह किरदार यादगार बन गया। ‘थ्री ईडियट्स’ 25 दिसंबर 2009 को रिलीज हुई थी। इन दोनों फिल्मों का निर्देशन राजकुमार हिरानी ने किया था।
शाहरुख खान: मोहब्बतें (27 अक्टूबर 2000)
बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख फिल्म ‘मोहब्बतें’ में म्यूजिक टीचर का किरदार निभा चुके हैं। शाहरुख खान ने इस फिल्म में राज आर्यन मल्होत्रा का किरदार निभाया था जो स्टूडेंट्स को म्यूजिक सिखाते सिखाते प्रेम का भी पाठ पढ़ाते हैं। आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में बनी यह फिल्म जबरदस्त हिट हुई थी। इस फिल्म में शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय के बीच जबरदस्त केमेस्ट्री नजर आई थी।
अनिल कपूर: अंदाज (8 अप्रैल 1994)
डेविड धवन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अंदाज’ में अनिल कपूर ने अजय कुमार सक्सेना नाम के टीचर का किरदार निभाया था। अजय कुमार सक्सेना जिस कॉलेज में पढ़े हैं उसी कॉलेज में उन्हें टीचर की नौकरी मिलती है। उनकी क्लास में पढ़ने वाली जया, अजय कुमार सक्सेना को शादी के लिए प्रपोज करती है। जया की शरारतों से तंग आकर अजय कुमार सक्सेना एक अनपढ़ अनाथ लकड़ी सरस्वती से शादी कर लेते हैं । इस फिल्म में जया की भूमिका करिश्मा कपूर और सरस्वती की भूमिका जूही चावला ने निभाई थी।
धर्मेंद्र: चुपके चुपके (11 अप्रैल 1975)
फिल्म ‘चुपके चुपके’ में धर्मेंद्र में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी की भूमिका निभाई थी। एक बंगले का चौकीदार जब अपने बीमार पोते से मिलने अपने गांव जाता है, तो प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी उसकी मदद करने के लिए प्यारे मोहन अल्लाहाबादी भी बन जाते हैं। इस फिल्म में शर्मिला टैगोर और अमिताभ बच्चन की भी मुख्य भूमिकाएं हैं। फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था।
जितेंद्र: परिचय (8 अक्टूबर 1972)
फिल्म ‘परिचय’ में जितेंद्र ने एक टीचर राज की भूमिका निभाई थी, जो राय साहब के घर जाकर उनके पोते और पोतियों को पढ़ता है। राय साहब का किरदार प्राण ने निभाया था और उनकी बड़ी पोती रमा का किरदार जया भादुड़ी ने निभाया था। पढ़ाई के साथ -साथ रवि, राय साहब के पोते और पोतियों को जीने का ढंग सिखाता है। बाद में रवि और रमा की शादी हो जाती है। इस फिल्म का निर्देशन गुलजार ने किया था।
शम्मी कपूर: प्रोफेसर (11 मई 1962)
फिल्म ‘प्रोफेसर’ में शम्मी कपूर ने प्रीतम की भूमिका निभाई थी। जो अपनी मां के इलाज के लिए एक युवती और दो स्कूली बच्चों को पढ़ाता है। जहां प्रीतम पढ़ाने जाते हैं उनके अभिभावक की शर्त होती है कि शिक्षक कोई बुजुर्ग ही हो। इसलिए प्रीतम बुजुर्ग का भेष धर कर पढ़ाने जाता है। इस फिल्म का निर्देशन लेख टंडन ने किया था। यह फिल्म को तमिल में नादिगन तेलुगु में भाले मस्तरू, कन्नाड मे पेद्दिन्ती अल्लुडु और गोपी कृष्णा नाम से दो बार बन चुकी है।