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भारत के घड़ियाल और मगरमच्छ क्यों लेना चाहता है अमेरिका, इस राज्य के खास सरीसृपों पर नजर क्यों, जानें

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लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम (ईएसए) के तहत जारी एक संघीय अधिसूचना के अनुसार, एरिजोना स्थित सरीसृप बैंक फीनिक्स हर्पेटोलॉजिकल सोसायटी भारत से छह घड़ियाल और इतनी ही संख्या में मगर मगरमच्छ आयात करना चाहता है।

अमेरिका का सबसे बड़ा सरीसृप बैंक (reptile bank) भारत से घड़ियाल और ‘मगर’ मगरमच्छ आयात करना चाहता है। इसने इस संदर्भ में संघीय सरकार को आवेदन किया है। बैंक का तर्क है कि इससे इन लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

तमिलनाडु से आयात करने की मांग
लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम (ईएसए) के तहत सोमवार को जारी एक संघीय अधिसूचना के अनुसार, एरिजोना स्थित सरीसृप बैंक फीनिक्स हर्पेटोलॉजिकल सोसायटी दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु से छह घड़ियाल और इतनी ही संख्या में मगर मगरमच्छ आयात करना चाहता है। इसके लिए इसने संयुक्त राज्य संघीय एजेंसी अमेरिकी मत्स्य और वन्यजीव सेवा विभाग (US Fish and Wildlife Service) से अनुमति लेने के लिए आवेदन किया है। संघीय सरकार ने इस संबंध में सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।बता दें, अमेरिकी मत्स्य और वन्यजीव सेवा विभाग संयुक्त राज्य संघीय एजेंसी है, जिसका काम राष्ट्रीय वन्यजीवों के रहने, लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा, प्रवासी पक्षियों का प्रबंधन करना है। इन प्रजातियों के आएंगे!
संघीय अधिसूचना के अनुसार, फीनिक्स हर्पेटोलॉजिकल सोसायटी ने तमिलनाडु में मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट से तीन नर और तीन मादा घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) और तीन नर और तीन मादा मगर मगरमच्छ (क्रोकोडायलस पलुस्ट्रिस किम्बुला और क्रोकोडायलस पलुस्ट्रिस पलुस्ट्रिस) को आयात करने की अनुमति का अनुरोध किया है।

आम जनता से मांगी टिप्पणियां
संघीय सरकार ने इस संबंध में सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। यह प्रजातियों के प्रसार या अस्तित्व को बढ़ाने के उद्देश्य से है। इसमें कहा गया है कि यह अधिसूचना सिर्फ एक बार आयात के लिए है। इसमें आम जनता से 16 अगस्त तक अपनी टिप्पणियां भेजने को कहा गया है।

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