चीता परियोजना संचालन समिति की सोमवार को हुई बैठक में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि सभी रेडियो कॉलर चीतों को जांच के लिए वापस बाड़े में लाया जा सकता है।
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में खुला छोड़े गए रेडियो कॉलर चीतों को जांच के लिए दोबारा बाड़े में लाया जा सकता है। सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी और बताया कि चीतों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने रविवार को उन मीडिया रिपोर्ट को खारिज किया था, जिसमें चीतों की मौत के लिए रेडियो कॉलर को जिम्मेदार बताया गया था। जीपीएस आधारित रेडियो कॉलर को चीतों के गले में बांधा गया है, ताकि उनकी स्थिति पर नजर रखी जा सकी। हालांकि, चीता लाने की परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक नर चीता की मौत रेडियो कॉलर से हुए संक्रमण के चलते हुई थी।
चीतों की जांच के लिए दक्षिण अफ्रीका से बुलाया गया विशेषज्ञ
चीता परियोजना संचालन समिति की सोमवार को हुई बैठक में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि सभी रेडियो कॉलर चीतों को जांच के लिए वापस बाड़े में लाया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि चीतों की जांच और उपचार पर आवश्यक जानकारी देने के लिए दक्षिण अफ्रीका से एक विशेषज्ञ मंगलवार को केएनपी आ रहा है।