राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सोमवार से शुरू होने वाले विधानमंडल सत्र के लिए अजित पवार खेमे के सदस्यों और पार्टी के बाकी विधायकों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था करने की मांग की है।
महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से मुंबई में शुरू होने वाला है। तीन हफ्ते का सत्र सोमवार (17 जुलाई) से चार अगस्त तक नरीमन पॉइंट स्थित विधान भवन परिसर में आयोजित किया जाएगा। इस मानसून सत्र में 24 विधेयक प्रस्तावित हैं। इनमें से 10 को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है और 14 को कैबिनेट द्वारा पारित किया जाना बाकी है और उसके बाद इसे पेश किया जाएगा। एक विधेयक जो विधान परिषद द्वारा पहले ही पारित किया जा चुका है, उसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।
पूर्व विपक्ष के नेता और राकांपा नेता अजित पवार द्वारा अपने चाचा शरद पवार से नाता तोड़ने और भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ हाथ मिलाने के बाद यह पहला सत्र होगा। हालांकि इस सत्र में हंगामे के आसार हैं। सत्र से पहले चाय पार्टी की परंपरा है। इस दौरान सरकार और विपक्ष एक साथ आते हैं। हालांकि, इस बार विपक्ष ने इस पार्टी का बहिष्कार किया।
वहीं, राकांपा (शरद पवार गुट) के मुख्य सचेतक जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सोमवार से शुरू होने वाले विधानमंडल सत्र के लिए अजित पवार खेमे के सदस्यों और पार्टी के बाकी विधायकों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था करने की मांग की है।
रविवार को स्पीकर राहुल नार्वेकर को लिखे एक पत्र में, आव्हाड ने कहा कि अजित पवार सहित नौ विधायकों को छोड़कर, जो शिंदे सरकार में शामिल हुए हैं वे भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विपक्ष का हिस्सा है। शपथ लेने वाले नौ विधायकों को छोड़कर अन्य के लिए बैठने की व्यवस्था अलग से की जानी चाहिए। राकांपा विपक्ष में है और हम विपक्ष में बैठना चाहते हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने हाल ही में कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मामले में कौन सत्ता में है और कौन नहीं, इसके बीच कोई स्पष्ट अंतर नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस बात पर बहुत विचार-विमर्श और बहस होगी कि कैसे तय किया जाए कि वास्तविक एनसीपी का प्रतिनिधित्व कौन करता है।
इस महीने की शुरुआत में अजित पवार और आठ अन्य विधायकों के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने से पहले, 288 सदस्यीय विधानसभा में राकांपा के 53 विधायक थे। पार्टी में विभाजन के बाद अजित पवार की मुंबई में हुई पहली बैठक में एनसीपी के 35 विधायक और आठ में से पांच एमएलसी ने उपस्थिति दर्ज कराई थी। हालाँकि, अजीत पवार खेमे को समर्थन देने वाले विधायकों की सही संख्या ज्ञात नहीं है।
अजित व राकांपा के अन्य मंत्री शरद पवार से मिले
इससे पहले अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अपने खेमे के कुछ अन्य मंत्रियों के साथ रविवार को मुंबई में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। सभी ने पवार से पार्टी को एकजुट रखने का आग्रह किया। राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि राकांपा प्रमुख ने चुपचाप उनकी बात सुनी, लेकिन कुछ नहीं कहा। चाचा के खिलाफ बगावत कर दो जुलाई को शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह की यह शरद पवार के साथ पहली बैठक थी। अजित पवार ने राकांपा मंत्रियों-हसन मुशरिफ, छगन भुजबल, अदिति तटकरे और दिलीप वलसे पाटिल के साथ वाई बी चव्हाण सेंटर में शरद पवार से मुलाकात की।