अल-ईसा ने बुधवार को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा, आतंक, कट्टरपंथ व हिंसा के खिलाफ वर्ल्ड मुस्लिम लीग के नजरिये की भारत सराहना करता है। उन्होंने कहा, भारत सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को अत्यधिक महत्व देता है।
मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के ध्येय वाक्य, सबका साथ, सबका विकास के संदर्भ में कहा, भारतीय समाज के समावेशी विकास के प्रति प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण सराहनीय है।
पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बुधवार को डॉ. ईसा ने ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री मोदी के साथ विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की, जिसमें मानव-केंद्रित विकास को आगे बढ़ाने के तरीके, विभिन्न आस्थाओं व संस्कृतियों के अनुयायियों के बीच समझ और सद्भाव को बढ़ावा देने का महत्व शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, बैठक के दौरान सभी तरह के आतंक, चरमपंथ और घृणा के सभी रूपों का मिलकर सामना करने और रोकने के महत्व पर भी सहमति बनी। उन्होंने कहा, विविधता भरी दुनिया में शांति और समृद्धि हासिल करने के लिए नागरिकों में जागरूकता और व्यापकता का भाव जरूरी है।
आतंक के खिलाफ वर्ल्ड मुस्लिम लीग का नजरिया शानदार : मुर्मू
अल-ईसा ने बुधवार को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा, आतंक, कट्टरपंथ व हिंसा के खिलाफ वर्ल्ड मुस्लिम लीग के नजरिये की भारत सराहना करता है। उन्होंने कहा, भारत सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को अत्यधिक महत्व देता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सऊदी अरब आतंकवाद के खिलाफ भारत की तरह जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा।
स्वीडन में कुरान जलाने की घटना के खिलाफ भारत ओआईसी देशों के साथ
स्वीडन में कुरान की बेइज्जती और उसे जलाने की घटना के खिलाफ भारत इस्लामी देशों के संगठन (ओआईसी) देशों के साथ खड़ा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की ओर से इस बाबत जारी लिखित प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। यूएनएचआरसी का यह लिखित प्रस्ताव धर्म से घृणा और धर्म के खिलाफ भेदभाव, वैमनस्यता और हिंसा के खिलाफ है। पिछले महीने के अंत में स्वीडन में एक मस्जिद के बाहर कुरान फाड़ कर उसमें आग लगा दी गई थी। ओआईसी की तरफ से यूएन में इसकी शिकायत की गई थी। 47 सदस्य देशों वाले यूएनएचआरसी में ओआईसी के 19 देश हैं, जिन्हें वोट का अधिकार है। पश्चिम के कई देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया है।
मंदिरों पर हमले व मूर्तियों को तोड़ने का दिया हवाला
भारत ने प्रस्ताव पर हुई बहस में कहा कि दुनिया में कई जगहों पर विभिन्न धर्म के प्रति डर पैदा किया जा रहा है। कई देशों में मंदिरों को तोड़ने और इसका महिमामंडन करने की घटना सामने आई हैं। गुरुद्वारा परिसर को नुकसान पहुंचाने, सिख तीर्थयात्रियों पर हमले की घटनाएं हुई हैं। कई जगह धार्मिक असहिष्णुता देखी जा रही है। अब जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी इस समस्या को पहचाने और ऐसी ताकतों को खत्म करें।