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भारत ने फिलिस्तीन के अबू रय्या पुनर्वास केंद्र में एक कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर का आयोजन किया और एक राष्ट्रीय प्रिंटिंग प्रेस भी शुरू किया। भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बीएमवीएसएस)-जयपुर के सहयोग से आयोजित कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर से लगभग 600 फिलिस्तीनयों को लाभ होने की उम्मीद है। शिविर का उद्घाटन विदेश मंत्रालय के कांसुलर, पासपोर्ट, वीजा एवं प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव औसफ सईद और फिलिस्तीन स्वास्थ्य मंत्री माई कैलेह ने किया। Trending Videos शुक्रवार को फिलिस्तीन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा समाप्त करने वाले सईद ने प्रधानमंत्री मोहम्मद इब्राहिम शतायेह, विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी और राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार माजदी खाल्दी से भी मुलाकात की।

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आरोप पत्र के अनुसार, शक होने पर एटीएस ने मामले की जांच की। आईपी एड्रेस से पता चला कि जारा ब्रिटेन से नहीं बल्कि पाकिस्तान से बात कर रही है। मैसेज निकाले गए तो सामने आया कि प्रदीप ने व्यक्तिगत जानकारी के साथ-साथ आधिकारिक कार्यक्रमों के बारे में भी बताया।

पाकिस्तानी एजेंट को खुफिया जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए डीआरडीओ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के बारे में चार्जशीट में नए खुलासे हुए हैं। चार्जशीट के मुताबिक, प्रदीप ने पाकिस्तानी जासूस जारा दासगुप्ता को ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी और अग्नि मिसाइल लॉनचर से संबंधित जानकारी साझा की थी।

पहले जानिए क्या है पूरा मामला
पुणे स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला के प्रमुख प्रदीप कुरुलकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़ी एक महिला की ओर आकर्षित थे। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी एजेंट जारा दासगुप्ता की आईडी थी। सोशल मीडिया पर प्रदीप और जारा की बातचीत शुरू हुई। दोनों के बीच थोड़ी नजदीकियां बढ़ गई। इस दौरान प्रदीप ने कई संवेदनशील जानकारियां जारा को दे दी। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने तीन मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एटीएस ने आरोपी के खिलाफ एक जुलाई को चार्जशीट दाखिल किया।

अब पढ़िए, चार्जशीट में क्या लिखा
आरोप पत्र में सामने आया कि जारा दासगुप्ता के नाम से आईडी चलाने वाली पाकिस्तीन एंजेट ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि वह ब्रिटेन में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। जारा ने अश्लील मैसेज और वीडियो भेजकर प्रदीप से दोस्ती की। चार्जशीट के अनुसार, पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री बिजिंग सिस्टम समेत अन्य चीजों के बारे में जानकारी मांगी। प्रदीप ने यह सभी जानकारी पहले तो अपने फोन में इकट्ठा की और फिर उसे जारा उर्फ पाकिस्तानी एंजेट को भेज दिया। एटीएस के मुताबिक, जून 2022 से लेकर दिसंबर 2022 तक दोनों संपर्क में थे। प्रदीप की गतिविधियां संगीन पाई गई तो डीआरडीओ ने आंतरिक जांच का फैसला किया। हालांकि इससे पहले फरवरी 2023 में प्रदीप ने जारा का नंबर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद प्रदीप के पास एक भारतीय नंबर से मैसेज आया कि आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक किया।

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