यह पहला मौका था, जब पवार परिवार के किसी उम्मीदवार को हार नसीब हुई थी। कहते हैं कि तब से ही शरद पवार और अजित पवार के बीच खटास पैदा हो गई थी। हालांकि तब मान लिया गया था कि पार्थ की हार मोदी लहर का नतीजा थी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में दो फाड़ होने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार को लेकर अचानक चर्चा शुरू हो गई हैं। एनसीपी में मचे घमासान की एक वजह पार्थ पवार के प्रति एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की बेरुखी भी मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि एनसीपी में फूट अचानक नहीं हुई है। इसकी पटकथा साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्थ पवार की हार के बाद से ही लिखी जाने लगी थी, जो अब पटल पर आई है।
शरद पवार ने पार्थ को सरेआम लगाई थी फटकार
यह पहला मौका था, जब पवार परिवार के किसी उम्मीदवार को हार नसीब हुई थी। कहते हैं कि तब से ही शरद पवार और अजित पवार के बीच खटास पैदा हो गई थी। हालांकि तब मान लिया गया था कि पार्थ की हार मोदी लहर का नतीजा थी। लेकिन उसके बाद कुछ घटनाएं ऐसी हुई, जिसमें शरद पवार ने अपने पौत्र पार्थ को सरेआम फटकार लगाई थी। तब अजीत पवार अपमान का घूंट पीकर रह गए थे।
मुंडे भाई-बहन का मिटा बैर, पंकजा ने धनंजय की उतारी आरती
महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे ताकतवर पवार परिवार में दो फाड़ होने से मुंडे परिवार में बैर खत्म होता दिखाई दे रहा है। भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे और भतीजे धनंजय मुंडे एक-दूसरे के नजदीक आए हैं। शुक्रवार को पंकजा मुंडे अपने चचेरे भाई धनंजय मुंडे के दक्षिण मुंबई के वरली स्थित घर पहुंची। उन्हें तिलक लगाया और आरती उतारी। धनंजय मुंडे भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे से मनमुटाव के बाद उनके जीवित रहते भाजपा छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए थे। उसके बाद से मुंडे परिवार में दो राजनीतिक धुरी बन गई थी।