प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद हैं। वहीं देश में भाजपा के फायर ब्रांड हिन्दुत्व के चेहरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 27 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गोरखपुर और वाराणसी से पूर्वांचल की 27 लोकसभा सीटों को साधेंगे। मोदी पूर्वांचल को हजारों करोड़ रुपये की सौगात देंगे और चुनावी अभियान का आगाज भी करेंगे। मोदी के दौरे के साथ ही प्रदेश की योगी सरकार और भाजपा पूरी तरह चुनावी मोड में आ जाएंगे। अगस्त से प्रदेश में क्षेत्रवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के दिग्गज नेताओं के चुनावी दौरे शुरू हो जाएंगे।
पूर्वांचल में संगठनात्मक रूप से भाजपा ने 27 लोकसभा क्षेत्रों को काशी और गोरखपुर क्षेत्र में बांटा है। काशी क्षेत्र का केंद्र वाराणसी और गोरखपुर क्षेत्र का केंद्र गोरखपुर ही है। काशी क्षेत्र की 14 लोकसभा सीटों में से भाजपा के पास 12 सीटें हैं जबकि गोरखपुर क्षेत्र की 13 में से दस लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। दोनों क्षेत्रों की अंबेडकर नगर, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज सीट पर बसपा काबिज है। पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट को सपा का गढ़ माना जाता है हालाकि उप चुनाव में यह सीट भाजपा ने छीन ली थी। लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सपा के महासचिव शिवपाल यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा है। भाजपा ने 2024 में सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। लिहाजा आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी 22 सीटों पर कब्जा बरकरार रखते हुए सपा-बसपा के गढ़ ढहाना भी पार्टी के लिए चुनौती है।
राजनीतिक विश्लेषक रतनमणिलाल का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह चुनावी मोड में आ गए हैं। मोदी जानते हैं कि प्रधानमंत्री बनने की हैट्रिक लगाने के लिए यूपी में 2019 से बड़ी जीत हासिल करना जरूरी है। यूपी के दो प्रमुख जिलों से मोदी जनता में संदेश देना चाहते हैं कि राष्ट्रवाद से लेकर विकास के एजेंडे पर यूपी उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। इस दौरे के जरिये मोदी यूपी में आज भी उनकी मजबूत जमीनी पकड़ के साथ जनता में स्वीकार्यता का भी संदेश देंगे।
इसलिए है पूर्वांचल अहम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद हैं। वहीं देश में भाजपा के फायर ब्रांड हिन्दुत्व के चेहरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 27 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। मोदी और योगी सरकार ने बीते छह वर्षों में पूर्वांचल के विकास पर फोकस किया है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे जैसी बड़ी परियोजनाएं धरातल पर उतारी हैं। वहीं अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि पर भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। काशी विश्वनाथधाम कॉरिडोर का निर्माण किया है। कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बना है। वहीं योगी सरकार ने पूर्वांचल में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए माफिया मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद सहित अन्य बदमाशों के अपराधों पर नकेल कसी हैं। पूर्वांचल में औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न निवेश नीतियों में पूर्वांचल में निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन देना शुरू किया है।
पिछड़ों, पसमांदा और दलितों का गढ़ है पूर्वांचल
पूर्वांचल के 27 लोकसभा क्षेत्रों में कुर्मी, मौर्य, राजभर, निषाद, यादव सहित अन्य जातियों का गढ़ हैं। लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में इनमें से यादव और राजभर को छोड़कर अधिकांश जातियों का रुख भाजपा की ओर रहा है। वहीं दलित वर्ग में कोरी, पासी, सोनकर, जाटव और कोल जाति के मतदाताओं भी निर्णायक संख्या में हैं। इनता ही नहीं भाजपा सपा-बसपा के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए पसमांदा मुस्लिम समाज को साधने का प्रयास कर रही है। पूर्वांचल की इन सीटों पर पसमांदा मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। मोदी के दौरे से भाजपा पिछड़ी, पसमांदा और दलित वर्ग को भी साधेगी। जानकारों का मानना है कि भाजपा के परंपरागत वोट बैंक ब्राह्मण, ठाकुर, कायस्थ और राजभर के साथ यदि पिछड़े, पसमांदा और दलितों का समर्थन मिल गया तो भाजपा के लिए मिशन 80 को पूरा करने की राह आसान होगी।
विकास, राष्ट्रवाद और सुरक्षा का संदेश देने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी की गोरखपुर और वाराणसी यात्रा से पूर्वांचल के विकास, राष्ट्रवाद और सुरक्षा का संदेश देने की कोशिश है। गोरखपुर में गीताप्रेस गोरखपुर के शताब्दी समारोह के समापन समारोह और काशी में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के जरिये राष्ट्रवाद का संदेश देगे। वहीं विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर बदलते पूर्वांचल की तस्वीर भी पेश करेंगे। पूर्वांचल में आ रहे निवेश से सुधरी कानून व्यवस्था का भी संदेश हैं।