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धार्मिक वैमनस्यता रोकने के लिए कानून बनाएगी श्रीलंका की सरकार, मंत्री विक्रमनायका ने दिया बड़ा बयान

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संवाददाता सम्मेलन के दौरान मंत्री ने कहा कि कुछ लोग धार्मिक स्वतंत्रता के बहाने दूसरे धर्मों की निंदा करने के लिए प्रलोभित होते हैं। उन्होंने कहा, धार्मिक एकता को खतरे में डालने वालों से निपटने के लिए नया कानून बनाया जाएगा।

बौद्ध मामलों, धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री विदुर विक्रमनायके ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका सरकार धार्मिक सद्भाव को खतरे में डालने वाले सभी कार्यों से निपटने के लिए नए कानून बनाएगी।

एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मंत्री ने कहा कि कुछ लोग धार्मिक स्वतंत्रता के बहाने दूसरे धर्मों की निंदा करने के लिए प्रलोभित होते हैं। उन्होंने कहा, धार्मिक एकता को खतरे में डालने वालों से निपटने के लिए नया कानून बनाया जाएगा। किसी को भी धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में किसी भी धर्म पर अत्याचार करने या धार्मिक सद्भाव को खतरे में डालने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि नया कानून लागू होने के बाद इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई करना आसान होगा। उन्होंने कहा कि प्रासंगिक कानूनी ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव है और नए विधेयक का मसौदा इस तरह तैयार किया जाएगा, ताकि किसी भी धार्मिक आस्था के साथ भेदभाव न हो।

बौद्ध मामलों, धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री विदुर विक्रमनायके ने यह टिप्पणी तब कि जब उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक स्टैंड-अप कॉमेडियन नताशा एदिरिसोरिया को जमानत दे दी, जो बहुसंख्यक धर्म बौद्ध धर्म पर कथित रूप से कुछ अपमानजनक टिप्पणियां करने के लिए एक महीने से अधिक समय तक जेल में रही। एदिरिसोरिया ने माफी मांगी थी, लेकिन शिकायत दर्ज की गई और देश से भागने की कोशिश के दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया। सिंहली, ज्यादातर बौद्ध, श्रीलंका की 22 मिलियन आबादी का लगभग 75 प्रतिशत हैं जबकि तमिल, मुस्लिम, ईसाई और अन्य 25 प्रतिशत हैं।

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