दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विदेशी निवेश पाने के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं, रिटर्न देने में जापान के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में अप्रैल-जून तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा (1,220 करोड़ डॉलर) का विदेशी निवेश आया। पहले स्थान पर काबिज जापान के शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने 6,607 करोड़ डॉलर का निवेश किया। चीन 4,818 करोड़ डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है। इस अवधि में ताइवान के बाजारों में विदेशी निवेशकों ने 327 करोड़ डॉलर, इंडोनेशिया के बाजारों में 64 करोड़ डॉलर व दक्षिण कोरिया में 29 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की स्थिर नीतियों, मजबूत आर्थिक बुनियाद, स्थिर महंगाई दर और अर्थव्यवस्था में निरंतर तेजी को देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पिछले कुछ महीने से भारतीय बाजार में लगातार निवेश कर रहे हैं। दूसरी ओर, वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में उच्च महंगाई दर, कम विकास दर, मंदी का खतरा और केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से लगातार पूंजी निकासी हो रही है।
9.7% रिटर्न दिया सेंसेक्स ने
रिपोर्ट के मुताबिक, शेयर बाजारों के प्रदर्शन के मामले में भारतीय बाजार दूसरे स्थान पर है। जापान के शेयर बाजार ने इस साल मार्च से जून के बीच 18.4 फीसदी का रिटर्न दिया है। बीएसई सेंसेक्स ने 9.7 फीसदी का रिटर्न दिया है। अमेरिकी बाजारों ने 3.4 फीसदी और दक्षिण कोरिया ने 3.5 फीसदी का मुनाफा दिया है। इंडोनेशिया के शेयर बाजारों ने निवेशकों को 2.1 फीसदी और थाईलैंड के बाजारों ने 6.6 फीसदी का घाटा दिया है।
अमेरिकी बाजारों से सबसे ज्यादा निकासी
पहली तिमाही में एफआईआई ने अमेरिकी बाजारों से सर्वाधिक 1,531 करोड़ डॉलर की निकासी की। थाईलैंड के बाजारों से 146 करोड़ डॉलर और मलयेशिया से 50 करोड़ डॉलर की निकासी हुई है।
डेट में निवेश
आंकड़े बताते हैं कि विदेशी निवेशक दूसरे देशों में इक्विटी के बजाय डेट में निवेश कर रहे हैं। अमेरिका में पहली तिमाही में डेट में 11,295 करोड़ डॉलर, द. कोरिया में 3,110 करोड़ डॉलर, जापान में 1,193 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है। भारत में सिर्फ 160 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ।