बरसात का यह मौसम हमारी सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण माना जाता है। मानसून अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है, इसमें सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों के लिए होता है जो पहले से ही कई तरह की बीमारियों के शिकार हैं। ऐसे में जो लोग डायबिटीज के शिकार हैं उन्हें इस मौसम में सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। बरसात का मौसम अपने साथ संक्रमण लेकर आता है और डायबिटीज के मरीज पहले से ही संक्रामक बीमारियों के प्रति बेहद संवेदनशील माने जाते हैं।
डॉक्टर कहते हैं, जैसे-जैसे मौसम बदलता है, मधुमेह के मरीजों के लिए खतरा बढ़ जाता है। तापमान में उतार-चढ़ाव, प्रदूषण और दूषित जल-जनित बीमारियों का जोखिम अधिक हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें और मानसून में होने वाली बीमारियों से बचाव करते रहें।
संक्रामक बीमारियों से करें बचाव
बरसात के दिनों में बैक्टीरिया और वायरस के कारण संक्रमण होने का खतरा अन्य मौसमों की तुलना में अधिक होता है। ऐसे में यदि आपका ब्लड शुगर अधिक रहता है तो आपमें संक्रामक रोगों के होने का जोखिम भी अधिक हो सकता है। वातावरण में नमी के कारण, फंगल संक्रमण और त्वचा में होने वाली समस्याएं जैसे दाद, त्वचा पर चकत्ते और जलन का खतरा अधिक रहता है।
चूंकि डायबिटीज रोगियों में पहले से ही इम्युनिटी की समस्या होती है, ऐसे में आपमें इन संक्रामक रोगों को ठीक होने में भी अधिक समय लग सकता है। इसलिए बचाव करते रहना बहुत जरूरी है।
पैरों में संक्रमण का खतरा
मधुमेह से पीड़ित लोगों में पैरों में संक्रमण और अल्सर होने का खतरा अधिक होता है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है या यदि संक्रमण लंबे समय तक रहता है, तो यह डायबिटिक न्यूरोपैथी नामक स्थिति को जन्म दे सकती है। डायबिटिक रोगियों में डायबिटिक फूट की समस्या भी हो सकती है, जिसमें पैरों में स्किन डेड होने लग जाती है और संक्रामण के साथ अल्सर जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा रहता है।
डेंगू का जोखिम हो सकता है अधिक
चूंकि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, रक्त वाहिकाएं नाजुक हो जाती हैं और रक्तस्राव का खतरा अधिक होता है, इसलिए ऐसे रोगियों में डेंगू के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। डायबिटीज रोगियों में डेंगू की स्थिति में इंटरनल ब्लीडिंग का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है, इसके अलावा ऐसे रोगियों में रिकवरी का समय भी अधिक हो सकता है। यही कारण है कि मधुमेह के शिकार लोगों को मच्छर जनित रोगों से बचाव को लेकर भी अलर्ट रहना चाहिए।
ऐसे रखें सेहत का ख्याल
बरसात के मौसम आपको सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहना चाहिए। इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले उपाय करते रहना बहुत आवश्यक है जिससे संक्रामक रोगों के जोखिम को कम किया जा सके।
- स्वस्थ आहार का पालन करें, आहार में फलों-सब्जियों, इम्युनिटी बढ़ाने वाले मसालों को शामिल करें।
- अच्छी गुणवत्ता वाले जूते पहनें, जिससे पैरों में संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके।
- बाहर का खाना खाने से बचें, इससे पेट में संक्रमण या टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा रहता है।
- मच्छरों से बचाव करें, पूरी आस्तीन के या शरीर को अच्छे से ढकने वाले कपड़े पहनें।
- नियमित व्यायाम जरूर करें और शरीर को हाइड्रेट रखें।