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निवेशक हैं तो डर और लालच से बचिए, रुझान हमेशा एक नुकसान वाला सौदा साबित हो सकता है

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भारतीय शेयर बाजार करीब सात महीने बाद फिर नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ है। लेकिन जो लोग बाजार में निवेश करते हैं अगर उन्होंने डर और लालच पर काबू नहीं पाया तो उनके लिए यह घाटे का सौदा है। बाजार की इस चाल पर निवेश का गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट…

झुंड की विपरीत दिशा में बने रहें
दुनिया भर के निवेशकों के लिए कहावत है कि आप बाजार में निवेश से फायदा कमाना चाहते हैं तो डर और लालच को कभी भी हावी नहीं होने दें। इसका मतलब यह है कि जब एक झुंड बाजार में खरीदारी कर रहा हो तो आपको इनसे अलग रहना चाहिए। यही झुंड जब बाजार में बिकवाली करे तो तब भी आपको इसका पालन नहीं करना चाहिए। इसका मतलब यह होता है कि बाजार में जब भारी गिरावट आती है तो लोग डर के मारे शेयर बेचते हैं और जब बाजार खूब तेजी में होता है तो वे कमाई के लालच में खरीदते हैं। यह रुझान हमेशा एक नुकसान वाला सौदा साबित हो सकता है।

निवेश वाले क्षेत्र 
विश्लेषकों का कहना है कि सुरक्षित निवेश के लिए फार्मा, इन्फ्रा, विनिर्माण, कैपिटल गुड्स, एफएमसीजी, आईटी और स्मॉलकैप्स जैसे चुनिंदा शेयरों पर दांव लगा सकते हैं

7 माह बाद फिर रिकॉर्ड ऊंचाई पर सेंसेक्स
जिन लोगों ने दिसंबर में यह सोचकर बाजार में निवेश नहीं किया कि सेंसेक्स 63 हजार को पार कर गया है और अब यह नीचे जाएगा, तो उनके लिए यह एक जवाब है। सेंसेक्स अब 64 हजार के पार है। शेयर बाजार हमेशा एक लंबे समय में बेहतर रिटर्न दिया है। पिछले साल जून से लेकर अब तक इसने 20 फीसदी का रिटर्न दिया है। तब पहली बार यह 53 हजार के आंकड़े को पार किया था। यानी बाजार की तेजी में भी अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करते हैं तो आप घाटे से बच सकते हैं।

तक जा सकता है बीएसई सेंसेक्स
पिछले साल जब नवंबर में सेंसेक्स ने तेजी की रफ्तार पकड़ी थी, तब ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टेनली ने कहा था कि तेजी के माहौल में 2023 के अंत तक सेंसेक्स 80 हजार तक जा सकता है। हालांकि, अभी पहली छमाही बीती है और सेंसेक्स ने 64 हजार के शिखर को पार किया है। ऐसे में ब्रोकरेज हाउस के अनुमान के करीब बाजार रह सकता है। वैसे भी इस साल और अगले साल तक तेजी के आसार हैं।

इस हफ्ते में रह सकती है तेजी
जीएसटी के मोर्चे पर तेजी, ऑटो कंपनियों की बेहतर बिक्री और अन्य मोर्चे पर बेहतरी से इस हफ्ते बाजार में तेजी रह सकती है। जून तिमाही के कंपनियों के वित्तीय परिणाम भी इस हफ्ते से आने शुरू हो जाएंगे। साथ ही वैश्विक स्तर पर खाने पीने जैसी चीजों की कीमतों में भी गिरावट आ रही है।

ब्रोकरेज हाउस एंजल वन का कहना है कि अगर वैश्विक बाजारों का समर्थन रहा तो निफ्टी 19,250 से 19,500 के बीच रह सकता है। पिछले हफ्ते निफ्टी और सेंसेक्स 3-3 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए हैं।

पांच आईपीओ बाजार में
इस हफ्ते पांच आईपीओ बाजार में आने हैं। इनमें से तीन छोटी कंपनियों (एसएमई) और दो मुख्य प्लेटफॉर्म के हैं। सेनको गोल्ड का निर्गम कल से खुलकर 6 जुलाई को बंद होगा। यह कंपनी 301 से 317 रुपये के भाव पर 405 करोड़ जुटाएगी। खुदरा निवेशकों के लिए 35 फीसदी शेयर आरक्षित हैं। पीकेएच वेंचर्स का निर्गम मंगलवार को बंद होगा। यह कंपनी 379 करोड़ जुटाएगी। खुदरा निवेशकों के लिए 35% हिस्सा है।

एफआईआई का रिकॉर्ड निवेश
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस साल तेज वापसी की है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रिकॉर्ड 87 हजार करोड़ के शेयर खरीदे हैं। ब्रोकरेज हाउसों का अनुमान है कि ब्याज दरें अब स्थिर होने लगी हैं। ऐसे में भारतीय बाजार एफआईआई के लिए आकर्षक निवेश का साधन बना है।

बाजार भले तेजी में है, पर इसकी रफ्तार अब शुरू हुई है। साल के अंत तक निफ्टी 21,000 तक जा सकता है। निवेशकों को निवेश करते रहना चाहिए और गिरावट में ज्यादा खरीदी करनी चाहिए। खराब शेयरों से बाजार की तेजी में निकल भी सकते हैं। – प्रवेश गौर, वरिष्ठ टेक्निकल विश्लेषक, स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि.

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