रिपोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि वह गहन, निष्पक्ष और समय पर जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस रिपोर्ट पर गौर करेगा। बता दें कि 15 अप्रैल, 2023 को मीडियाकर्मियों के वेश में तीन हमलावरों ने पुलिस हिरासत में सरेआम दोनों की हत्या कर दी थी।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और तीन महीने का समय दिया गया है। आयोग अब 24 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा। एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थिति रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि वह गहन, निष्पक्ष और समय पर जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस रिपोर्ट पर गौर करेगा। बता दें कि 15 अप्रैल, 2023 को मीडियाकर्मियों के वेश में तीन हमलावरों ने पुलिस हिरासत में सरेआम दोनों की हत्या कर दी थी। रिपोर्ट में अब तक यह आया सामने : 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो यूपी पुलिस के दो सुरक्षा गार्डों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश वर्ष 2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह थे। राज्य सरकार ने रिपोर्ट में अतीक व अशरफ को साबरमती, बरेली जेल से प्रयागराज तक लाने, 15 अप्रैल को तीन हमलावरों के उनकी हत्या को अंजाम देने को सिलसिलेवार बताया है। रिपोर्ट के अनुसार पूरे घटनाक्रम को 9 से 10 सेकंड में अंजाम दिया गया। राज्य उन सुरक्षा चूकों की भी जांच कर रहा है, जिनके कारण तीन हमलावर पुलिस घेरे को पार कर गए?
अभी 45 गवाहों की जांच बाकी
हत्याकांड की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। 25 अप्रैल, 2023 को इसका विस्तार किया गया। यूपी सरकार ने कहा कि 23 जून तक आयोग को अतिरिक्त 45 गवाहों की जांच और इच्छुक पक्षों के वकीलों काे सुनना बाकी था। इसलिए आयोग के अनुरोध पर उसे 24 सितंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।