एकनाथ शिंदे इसी साल की शुरुआत में राकांपा के धुर-विरोधी नेता के तौर पर उभरे थे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में बगावत शुरू होने के साथ ही महाराष्ट्र में राजनीति में फिर हलचल मच गई है। दरअसल, अजित पवार के एनडीए में जाने के साथ ही राकांपा में दोफाड़ होने की संभावना अब मुंह बाए खड़ी है। अजित के इस फैसले का जहां विपक्षी दलों ने विरोध किया है, वहीं भाजपा-शिवसेना गठबंधन इसका स्वागत करते नहीं थक रहीं। हालांकि, इन सब घटनाक्रमों के बीच जिन नेताओं के बयान सबसे ज्यादा बदले हैं, उनमें महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का नाम सबसे आगे है।
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे इसी साल की शुरुआत में राकांपा के धुर-विरोधी नेता के तौर पर उभरे थे। अप्रैल में जब अजित पवार के नेतृत्व में राकांपा के एनडीए गठबंधन में शामिल होने की चर्चा चल रही थी, तब शिंदे ने कहा था- “हमारी नीति हमेशा से स्पष्ट रही है। एनसीपी वह पार्टी है, जो धोखा देती है। हम सत्ता में रहते भी राकांपा के साथ नहीं जाएंगे।”