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सुप्रीम कोर्ट में तलाक-ए-हसन पीड़ित महिला की याचिका पर 17 जू़न को सुनवाई

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तलाक-ए हसन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची मुस्लिम महिला, कोर्ट का जल्द सुनवाई  से इनकार - Talaq e Hasan practice challenge plea by a Muslim woman in supreme  court hearing ntc -

सुप्रीम कोर्ट तलाक-ए-हसन पीड़ित बेनज़ीर हिना की याचिका पर कल यानि 17 जून को सुनवाई करेगा। आज हिना की ओर से पेश वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि हिना के पति ने तलाक का दूसरा नोटिस भेज दिया है। तीसरा नोटिस 19 जून को आने के बाद तलाक हो जाएगा। उसके बाद शादी बहाल करने के लिए हलाला ही विकल्प रह जायेगा। उनकी इस दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को सुनवाई का भरोसा दिया।

याचिका में मांग की गई है कि मुस्लिम लड़कियों को भी बाकी लड़कियों जैसे अधिकार मिलने चाहिए। वकील अश्विनी उपाध्याय के जरिये दाखिल याचिका में बेनजीर ने बताया है कि उनकी 2020 में दिल्ली के यूसुफ नकी से शादी हुई थी। उनका सात महीने का बच्चा भी है। दिसंबर 2021 में पति ने एक घरेलू विवाद के बाद उन्हें घर से बाहर कर दिया था। पिछले पांच महीने से उनसे कोई संपर्क नहीं रखा। अब अचानक अपने वकील के जरिये डाक से एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि वह तलाक-ए-हसन के तहत पहला तलाक दे रहे हैं।

याचिका में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर मुस्लिम महिलाओं को कानून की नजर में समानता और सम्मान से जीवन जीने जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता है। याचिका में मांग की गई है कि तलाक-ए-हसन और अदालती तरीके से न होने वाले दूसरे सभी किस्म के तलाक को असंवैधानिक करार दिया जाए। याचिका में शरीयत कानून की धारा 2 को रद्द करने का आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में डिसॉल्यूशन ऑफ मुस्लिम मैरिज एक्ट को पूरी तरह निरस्त करने की मांग की गई है।

आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल

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