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शेयरों के लिए लिस्टिंग का समय घटाकर तीन दिन करेगा सेबी, बैठक में छह अन्य प्रस्तावों को भी दी गई मंजूरी

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बाजार नियामक सेबी ने सार्वजनिक निर्गम के तहत शेयरों की सूचीबद्धता के लिए समय सीमा को कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा सेबी ने बुधवार को हुई एक अहम बैठक में करीब सात प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई। जानकारी के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सार्वजनिक निर्गम के तहत शेयरों की सूचीबद्धता के लिए मौजूदा समय आवधि छह दिन से घटाकर तीन दिन कर दिया है।

आसान भाषा में समझें लिस्टिंग का समय घटाने के क्या मायने?
दरअसल, सेबी ने आईपीओ निवेशकों के लिए राहत भरा फैसला लिया है। अब आईपीओ की लिस्टिंग में लगने वाले समय को आधा कर दिया गया है। पहले इसके लिए छह दिन निर्धारित किए गए थे। अब इसे घटाकर तीन दिन कर दिया गया है। सेबी ने अपने बयान में कहा कि आईपीओ की बोली बंद होने के बाद उसकी लिस्टिंग की समयसीमा को टी+6 दिन से घटाकर टी+3 दिन किया जा रहा है। यहां ‘टी’ का मतलब आईपीओ के बंद होने की तारीख है।

दो चरणों में लागू होंगे नए प्रस्ताव
सेबी ने बताया कि तीन दिन की नई समयसीमा दो चरणों में लागू होगी। पहले एक सितंबर या उसके बाद खुलने वाले आईपीओ के लिए यह समयसीमा वैकल्पिक या स्वैच्छिक होगी। इसके बाद एक दिसंबर से इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा।

अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई

 

    • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अतिरिक्त जानकारी या खुलासों की जरूरत
    • बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) व रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) के यूनिटधारकों के लिए निदेशक मंडल में नामांकन अधिकार
  • नियामक स्कोर्स (सेबी शिकायत निपटान प्रणाली) के माध्यम से निवेशक शिकायत प्रबंधन तंत्र को मजबूत करना
  • नए मंच को ऑनलाइन विवाद समाधान व्यवस्था से जोड़ना

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