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संचालन शुरू करने की मंजूरी देने से पहले दस्तावेजों की जांच करेगा डीजीसीए, ये है प्लान

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विमानन नियामक डीजीसीए गो फर्स्ट के पुनरोद्धार योजना से संबंधित दस्तावेजों की जांच करेगा और विमानन कंपनी को परिचालन फिर से शुरू करने की अनुमति देने से पहले परिचालन तैयारियों का ऑडिट भी करेगा।

अधिकारियों ने बताया कि तीन मई से उड़ानें बंद करने वाली गो फर्स्ट के मौजूदा प्रबंधन के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों के साथ पुनरुद्धार योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।    बता दें कि वाडिया परिवार के स्वामित्व वाली बजट एयरलाइन स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया में है।

घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार एयरलाइन के ईवाई समर्थित समाधान पेशेवर शैलेंद्र अजमेरा और अंतरिम सीईओ कौशिक खोना ने पुनरोद्धार योजना पर डीजीसीए के अधिकारियों के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी। दस्तावेजों की जांच पूरी होने के बाद डीजीसीए एयरलाइन की परिचालन तैयारियों का आकलन करने के लिए ऑडिट भी करेगा।

एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ऑडिट अगले सप्ताह होने की उम्मीद है। दूसरे सूत्र ने कहा कि उड़ान बंद होने से पहले एयरलाइन 29 घरेलू गंतव्यों के लिए परिचालन कर रही थी। पुनरुद्धार योजना के तहत गंतव्यों की संख्या घटाकर 23 की जानी है। सूत्र ने कहा कि एयरलाइन जब परिचालन फिर से शुरू करेगी तो वह फिलहाल जयपुर, लखनऊ, कन्नूर, पटना, वाराणसी और रांची से उड़ानों का संचालन नहीं करेगी।

सूत्र के अनुसार, ऋणदाताओं ने लगभग 450 करोड़ रुपये की अंतरिम फंडिंग की प्रतिबद्धता जताई है, यह देखते हुए कि एक दिन के संचालन पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। एक सूत्र ने कहा कि एयरलाइन के पास पर्याप्त श्रमबल है जिसमें करीब 300 पायलट हैं। 10 जून को बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक और ड्यूश बैंक की सदस्यता वाली एयरलाइन की लेनदारों की समिति (सीओसी) के गठन के बाद पुनरुद्धार प्रक्रिया में तेजी आई है। 

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