एसबीए ने इसे धोखाधड़ी का मामला कहा, जिसे महानिरीक्षक ने बढ़ा-चढ़ाकर बताया है। एसबीए के मुताबिक असल में यह रकम करीब 36 अरब डॉलर है। एसबीए का यह भी दावा है कि धोखाधड़ी के 86 फीसदी मामले 2020 हुए, जब डोनाल्ड ट्रंप देश के राष्ट्रपति थे।
ट्रंप के बाद बाइडन ने गठित की टास्क फोर्स
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका के अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कोविड-19 से राहत में नाम पर हुए संभावित घोटालों की जांच के लिए मई 2021 में कोविड-19 फ्रॉड एन्फोर्समेंट टास्क फोर्स गठित की। इस कार्यबल ने अब तक कई मामलों में घोटालों की आशंका जताई है। इन मामलों को लेकर अमेरिका में गंभीरता के साथ जांच जारी है। इसके अलावा सितंबर में संघीय अभियोजकों ने दर्जनों प्रतिवादियों पर आरोप लगाया। इन पर एक सरकारी सहायता कार्यक्रम से 25 करोड़ डॉलर की ठगी का आरोप था। इसका उद्देश्य महामारी के दौरान जरूरतमंद बच्चों को भोजन की व्यवस्था करना था। इसी तरह साल की शुरुआत में भी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी सरकार ने संदिग्ध सामाजिक सुरक्षा संख्या वाले लोगों को लगभग 5.4 अरब डॉलर की सहायता दी है।
मृतकों की सामाजिक सुरक्षा संख्या का किया इस्तेमाल
अमेरिकी न्याय विभाग ने कथित धोखाधड़ी की जांच के लिए संघीय अभियोजक केविन चैंबर्स को नियुक्त किया। सितंबर 2022 में अमेरिकी श्रम मंत्रालय के महानिरीक्षक ने कहा कि धोखेबाजों ने मृत व्यक्तियों की सामाजिक सुरक्षा संख्या का इस्तेमाल कर बेरोजगारी बीमा कार्यक्रम से 45.6 अरब डॉलर की धोखाधड़ी की है। हालांकि, किसी भी मामले में न तो जांच पूरी हुई है और न अभी किसी ने आरोपों को स्वीकार किया है। इसे लेकर कवायद है कि अधिकारी एक दूसरे के बचाव में जुटे हैं और सरकार ट्रंप के करीबियों पर सख्त ह