शोधकर्ताओं का अनुमान है कि लॉकडाउन के दौरान मानवजनित प्रदूषण में कमी की वजह से अप्रैल 2020 में बर्फ पर विकिरण बल में 71.6 फीसदी की कमी आई, जिसकी वजह से 27 मीट्रिक टन बर्फ पिघलने से बच गई।
लॉकडाउन में एक ओर जहां लोगों को नुकसान झेलना पड़ा, व्यापार ठप हो गए। वहीं प्रकृति को इससे फायदा हुआ। एक नए अध्ययन के मुताबिक 25 मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 के दौरान भारत में लॉकडाउन की वजह से हिमालय में करीब 27 मीट्रिक टन बर्फ कम पिघली। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) नेक्सस में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि 2020 के कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मानवजनित प्रदूषक उत्सर्जन में कमी से हिमालय में बर्फ पिघलने में कमी आई।बीजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी के लिकियांग झांग व सहयोगियों ने उपग्रह डाटा व युग्मित वायुमंडल-रसायन-बर्फ मॉडल के जरिये पता लगाया कि क्षेत्र में कण प्रदूषण में अचानक, नाटकीय कमी ने बर्फ के पिघलने को कैसे प्रभावित किया। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि लॉकडाउन के दौरान मानवजनित प्रदूषण में कमी की वजह से अप्रैल 2020 में बर्फ पर विकिरण बल में 71.6 फीसदी की कमी आई, जिसकी वजह से 27 मीट्रिक टन बर्फ पिघलने से बच गई।