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विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष बोले- जब आपराधिक, व्यावसायिक जैसे कानून एक समान तो इस पर विवाद क्यों?

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आलोक कुमार कहते हैं कि 1400 साल पहले की स्थिति अलग थी, जब इस्लाम अपने विरोधियों से युद्ध लड़ रहा था। उस समय की परिस्थितियों में बहु-विवाह की व्यवस्था आई, वह तब आवश्यकता हो सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता पर दिए गए बयान का विश्व हिंदू परिषद ने समर्थन किया है। इसका जिक्र करते हुए विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि संविधान बनने के 73 वर्षों में जो सांसद और विधायक संविधान के प्रति श्रद्धा और सच्ची निष्ठा रखने की शपथ लेते हैं, उन्होंने इसका पालन नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरला मुद्गल और बाकी मुकदमों में कहा है कि अलग-अलग नागरिक संहिताएं ठीक नहीं हैं। जब आपराधिक, व्यावसायिक, बैंकिंग, अनुबंध आदि के कानून एक जैसे हैं, तो परिवारों को लेकर यह अपवाद क्यों? इस पर विवाद क्यों होना चाहिए?

आलोक कुमार कहते हैं कि 1400 साल पहले की स्थिति अलग थी, जब इस्लाम अपने विरोधियों से युद्ध लड़ रहा था। उस समय की परिस्थितियों में बहु-विवाह की व्यवस्था आई, वह तब आवश्यकता हो सकती है। तलाक के नियम सभी के लिए एक जैसे होने चाहिए, केवल मौखिक कह देने से तलाक नहीं होना चाहिए। तलाक के पहले और बाद में भी उसे गुजारा भत्ता मिलना चाहिए, जैसे बाकियों को मिलता है।

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