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भ्रष्टाचार के 80 मामलों में उत्तर प्रदेश पुलिस नहीं दे रही रिपोर्ट, एक मामला तो है 18 साल पुराना

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सरकारी कामकाज की गति अपने आप में भ्रष्टाचार के कई मामलों की पोषक है। इस मामले में यूपी पुलिस अपवाद नहीं है। भ्रष्टाचार निवारण की कोर्ट में 14 जिलों में दर्ज 80 मामलों की सुनवाई में पुलिस न तो रिपोर्ट दे रही है और न ही प्रगति आख्या। पुलिस के इस आचरण को खेदजनक बताते हुए भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने अभियोजन महानिदेशक को पत्र लिखकर कहा कि नियमों के तहत रिपोर्ट भिजवाएं।

न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें 14 जिलों झांसी, बांदा, कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, हमीरपुर, इटावा, हरदोई, चित्रकूट, जालौन, कन्नौज, महोबा, औरैया और फर्रुखाबाद के मुकदमों की सुनवाई के क्षेत्राधिकार हैं। इन जिलों से कुल 80 प्रथम सूचना रिपोर्ट पेश की गई है। इसमें सबसे पुरानी एफआईआर वर्ष 2004 की है लेकिन अभियोजन की ओर से अभी तक चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। संवाद

रिश्वत लेते दरोगा गिरफ्तार
चिनहट में तैनात दरोगा प्रदीप कुमार यादव को एंटी करप्शन की टीम ने बुधवार को पांच हजार की रिश्वत लेते दबोच लिया। आरोप है कि चिनहट के गंगा विहार कॉलोनी निवासी मनोज कुमार मिश्र को 7 जून को उसके भाई मोहित कुमार ने पीटा था। इस मामले में मनोज ने भाई के खिलाफ  केस दर्ज कराया था। दरोगा ने मामले में धारा बढ़ाने व कार्रवाई करने के लिए रुपये मांगे थे।

घूस लेता लेखपाल गिरफ्तार, निलंबित 
छिबरामऊ के गांव सलेमपुर निवासी वीरेश की शाहजहांपुर गांव की जमीन की पैमाइश न करने के बदले दस हजार की घूस लेते लेखपाल रोहित सिंह को कानपुर की एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। उसे निलंबित कर दिया है।

भ्रष्टाचार में दो अधिशासी अधिकारी निलंबित
निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय नेहा शर्मा ने भ्रष्टाचार और वित्तिय अनियमितता में दो नगर निकायों अकबरपुर (कानपुर देहात) की अधिशासी अधिकारी (ईओ) देवहूति पांडेय और घिरोर (मैनपुरी) की ईओ नीलाभ शाल्या को निलंबित कर दिया है। 

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