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भाजपा उम्मीदवार के घर बमबाजी, विधायक के पिता-भाई से मारपीट; तृणमूल पर लगा आरोप

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भाजपा का आरोप है कि तृणमूल से जुड़े बदमाशों को रोकने का प्रयास करने पर स्थानीय भाजपा विधायक मुकुटमणि अधिकारी के पिता भूपाल अधिकारी और भाई अनुपम अधिकारी से भी मारपीट की गई, जिसमें दोनों घायल हो गए।

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले हिंसा जारी है। नदिया जिले के कृष्णगंज ब्लॉक के नागघाटा में भाजपा के उम्मीदवार के घर पर बम से हमला करने का मामला सामने आया है। यह आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा है। भाजपा का आरोप है कि तृणमूल से जुड़े बदमाशों को रोकने का प्रयास करने पर राणाघाट दक्षिण के भाजपा विधायक मुकुटमणि अधिकारी के पिता भूपाल अधिकारी और भाई अनुपम अधिकारी से भी मारपीट की गई, जिसमें दोनों घायल हो गए।

भाजपा का दावा है कि अनुपम अधिकारी का सिर फट गया है। विधायक के भाई के अलावा कई अन्य लोग घायल हो गए हैं। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने हमले से इनकार किया है। सत्तारूढ़ दल ने दावा किया है कि भाजपा समर्थकों ने उनके कार्यकर्ताओं पर हमला किया।

इस मामले में भाजपा ने आरोप है कि रविवार शाम को तृणमूल से जुड़े बदमाशों ने कृष्णगंज पंचायत समिति निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार कल्पना सरकार के घर पर हमला किया और उसके घर पर बम फेंके। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को उपद्रवियों ने लाठी-डंडों से भी पीटा। शोर सुनकर विधायक के पिता और भाई मौके पर पहुंचे। उन्होंने उपद्रवियों को रोकने की कोशिश की तो उनकी पिटाई की गई। इसमें अनुपम का सिर फट गया। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

चुनाव आयोग बताए, 315 कंपनी कहां और कैसे तैनात की: गृह मंत्रालय  
वहीं, पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर घमासन जारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग से जानना चाहा है कि पहले से स्वीकृत 315 कंपनी बलों का इस्तेमाल कहां और कैसे किया गया है। बता दें, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती हो रही है। चुनाव आयोग के आवेदन पर केंद्र सरकार ने अभी तक 315 कंपनियां भेजी है। जगह-जगह रूट मार्च शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने जब बाकी 485 कंपनियों की मांग की तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह जानना चाहा है कि 315 कंपनियों का इस्तेमाल कहां और कैसे किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग ने रविवार को बीएसएफ और सीआईएसएफ के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की थी। लेकिन 315 कंपनियों के आने के बाद भी राज्य चुनाव आयोग यह तय नहीं कर पाया है कि केंद्रीय बल की तैनाती कहां और कैसे की जाए। कई जगह अनिश्चितता बनी हुई है। इस बीच राज्य चुनाव आयोग ने केंद्र को दोबारा पत्र लिखकर 485 कंपनी की मांग की गई है, जिस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य चुनाव आयोग से यह जानना चाहा है कि 315 कंपनियों की तैनाता कहां और कैसे की गई है।

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