आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री ने कहा कि पबजी पर इसलिए प्रतिबंध लगाया क्योंकि इंटरनेट को सुरक्षित रखना और उस पर भरोसा बनाए रखना आप सभी के प्रति हमारा कर्तव्य है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में पबजी (PUBG) को नागरिकों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबंधित किया गया था। उन्होंने इस दौरान खेलों और उनसे जुड़े ऐप्स के बारे में भी बात की।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री ने कहा कि पबजी पर इसलिए प्रतिबंध लगाया क्योंकि इंटरनेट को सुरक्षित रखना और उस पर भरोसा बनाए रखना आप सभी के प्रति हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हमें बदलाव पसंद है, पर हमारा यह भी दायित्व है कि हम यह सुनिश्चित करें कि चीजें बुरी, असुरक्षित न हों और चीजों पर से विश्वास न उठे।
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि इंटरनेट पर कई ऐसे पहलू हैं, जो अच्छे नहीं। वहां हम हस्तक्षेप करेंगे और बताएंगे कि यह अच्छा क्यों नहीं है। इसके लिए पारदर्शी रूप से मानदंड भी तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि 120 करोड़ भारतीयों के लिए इंटरनेट हमेशा सुरक्षित और विश्वसनीय रहे।
मंत्री ने कहा कि बीजीएमआई से प्रतिबंध हटा दिया गया है। जिन लोगों को बैटलग्राउंड गेमिंग पसंद है, ये उनके लिए खुशखबरी है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार भारतीयों द्वारा बनाए गए खेलों के विकास को भी बढ़ावा देना चाहती है, जो देश के इतिहास और संस्कृति को दर्शाते हैं।
खेलों के ऐप्स के बारे में बात करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि भारत और दुनिया भर के युवाओं की जीवनशैली का यह हिस्सा है। हम बूढ़े व गुस्से वाले अंकल या दादा बनकर इसमें बाधा नहीं बनेंगे। इंटरव्यू में मंत्री ने नए गेमिंग कानूनों के बारे में भी बात की। उन्होंने ये भी बताया कि वे कैसे भारतीय खेलों को बढ़ने में मदद करेंगे।
मंत्री ने कहा कि हम एक ढांचा तैयार कर रहे हैं ताकि भारतीय खेल बढ़ सकें। विश्वास है कि अगले कुछ वर्षों में नए कानूनों और विनियमों के साथ भारतीय खेल परिदृश्य में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और हम सभी चाहते हैं कि अगले कुछ वर्षों में और अधिक भारतीय गेम उपलब्ध हों, जो भारतीय कहानियों और परिदृश्यों को सरल बनाएं। उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि अगले तीन से चार वर्षों में भारत से अरबों डॉलर के गेमिंग उद्यमी और स्टार्टअप सामने आएंगे।